सैदपुर : अधिकारी हो तो ऐसा! जनता की समस्या जानने को गुमनामी से नगर के दुकान-दुकान घूमने लगे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, चुपचाप जानीं समस्याएं



सैदपुर। आमतौर पर प्रशासनिक सेवाओं में आने के पहले हर व्यक्ति का यही कहना होता है कि वो समाज में एक अच्छे बदलाव और लोगों की मदद के लिए ही आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर आदि बनना चाहते हैं। लेकिन इन पदों पर पहुंच जाने के बाद उनमें से बहुत से लोगों की सोच विपरीत हो जाती है। लेकिन सैदपुर के जॉइंट मजिस्ट्रेट व प्रशिक्षु आईएएस रामेश्वर सुधाकर सब्बनवाड ने अपनी पहले की सोच को कायम रखते हुए अब भी काम करना जारी रखा है।



गुरुवार की रात सैदपुर नगर में ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जिसमें प्रशिक्षु आईएएस व जॉइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सब्बनवाड गुरुवार की देरशाम 7 बजे पैदल और अकेले नगर में गुमनाम बनकर निकल गए। उनके साथ सुरक्षाकर्मी और अर्दली आने लगे तो उन्होंने ये कहते हुए उन्हें साथ आने से मना कर दिया कि वो सैदपुर में अकेले और पैदल घूमकर यहां की समस्याओं से रूबरू होना चाहते हैं। ताकि उनमें सुधार लाया जा सके। गुरुवार को जब वो निकले तो एकदम अकेले थे। सैदपुर में नए होने के चलते उन्हें कोई पहचान भी नहीं रहा था, जिससे उनका काम आसान हो गया। सबसे पहले वो राहगीरों के लिए बनाए गए रैन बसेरे का निरीक्षण किया। वहां कोई यात्री नहीं था लेकिन सुविधाएं थीं। इसके बाद अलाव आदि के जलने की जगहों को देखा। फिर चुपचाप बीएसएनएल एक्सचेंज के बगल के रास्ते से होते हुए पकड़ी पेड़ के पास पहुंचे। वहां से बाजार घूमते हुए वो बाबा ड्रेसेज की गली में घुस गए। रास्ते में एक दो दुकानों पर रुककर आम जनता बनकर औपचारिक रूप से बात किया और सामाजिक गतिविधियों पर चर्चा की। वहां भी उन्हें कोई नहीं पहचान पाया। वहां से वो नई सड़क सब्जी मंडी पहुंचे, इसके बाद रास्ते में चाय की कई दुकानों पर बैठकर चाय पी और आम जनता बनकर क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं पर लोगों से बात की। लोग भी उनसे आम जनता के रूप में खुलकर बातें कर रहे थे। इसके बाद हर जगह का हाल जानकर वो पैदल ही अपने आवास पर पहुंचे। इस बाबत उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं को जानने के लिए उनके बीच साधारण व्यक्ति बनकर पहुंचा था। इस दौरे में नगर की काफी समस्याओं के बारे में पता चला है। उन समस्याओं को दूर किया जाएगा। इधर शुक्रवार की सुबह जब आमजन को पता लगा कि बीती देरशाम उनके दुकानों पर कोई और नहीं बल्कि एक आईएएस अधिकारी आकर समस्याओं को जान रहे थे तो उनके होश उड़ गए। उनके इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के अधिकारियों की वजह से ही अब भी लोगों का सिस्टम में भरोसा बरकरार है। कहा कि इस तरह से आमजन अपनी बातों को बिना डरे उनके सामने रख सकते थे। वहीं जॉइंट मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिस व्यक्ति को जो भी समस्या हो, वो जनता दर्शन के वक़्त सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक बिना किसी रोकटोक के सीधे मुझसे मिलकर बता सकता है। समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।



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