सैदपुर : बीईओ कार्यालय में घूसखोरी कांड में खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय पर भी गिर सकती है गाज, सुबूत मिलने के बाद एसीबी ने मुकदमे में बनाया आरोपी



सैदपुर। बीते दिनों क्षेत्र के ककरहीं स्थित परिषदीय स्कूल के शिक्षक की शिकायत पर घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए सैदपुर के खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय के कार्यालय में तैनात संविदाकर्मी एकाउंटेंट के मामले में फिर से एक बड़ी कार्रवाई हुई है। एकाउंटेंट द्वारा बयान दिए जाने के बावजूद अब तक किसी भी कार्यवाही से साफ बच रहे खंड शिक्षा अधिकारी को भी मुकदमे में शामिल कर लिया गया है। इस मामले में एंटी करप्शन द्वारा किए जा रहे विवेचना के बाद उनका नाम बढ़ाया गया है। बता दें कि बीते 21 नवंबर को शिक्षक की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने बीईओ कार्यालय में तैनात एकाउंटेंट सुजीत शर्मा को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। पूछताछ में एकाउंटेंट ने स्वीकार किया था कि उसने बीईओ अविनाश राय के कहने पर ये घूस ली थी और पहले भी कई बार रूपए लेकर उन्हें भेज चुका है। इतने बड़े आरोप के बाद भी शिक्षा विभाग ने बीईओ पर कोई कार्रवाई नहीं की थी, बल्कि एक-दो माह में रिटायर होने वाले बीईओ मेडिकल लीव पर चले गए थे। जिसके बाद माना जा रहा था कि संभवतः अब उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। क्योंकि इस मामले में पूछने पर बीएसए हेमंत राव ने भी यही कहा था कि बिना एसीबी की रिपोर्ट के इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता। आखिरकार एकाउंटेंट से पूछताछ व छानबीन के बाद एकाउंटेंट के खाते से बीईओ को रूपए भेजने के बयान की पुष्टि हुई तो विवेचना में खंड शिक्षा अधिकारी का भी नाम बढ़ाया गया है। इसके बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी पत्र भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। अब तक निश्चिंत पड़े महकमे में बीईओ के खिलाफ इस मुकदमे के बाद हड़कंप मच गया है। इस बाबत कोतवाल योगेंद्र सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन की तहरीर पर पहले से ही एकाउंटेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज था। बताया कि मुकदमे की विवेचना एंटी करप्शन टीम वहीं से कर रही है, ऐसे में उसी में विवेचना के दौरान बीईओ का नाम बढ़ाया गया होगा। वहीं इस मामले में एसीबी के प्रभारी निरीक्षक नीरज सिंह ने बताया कि एकाउंटेंट सुजीत ने पूछताछ के दौरान रिश्वतखोरी के धन का बीईओ के साथ लेनदेन की बात को स्वीकार किया है। इस आरोप की पुष्टि उसके बैंक अकाउंट व ऑडियो कॉल रिकार्ड भी कर रहे हैं। जिसके बाद मुकदमे में बीईओ अविनाश कुमार को भी शामिल कर दिया गया है। बताया कि एकाउंटेंट के मोबाइल व उसके सरकारी टैबलेट को जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है। वहीं इस मामले में बीएसए हेमंत राव ने बताया कि मामला संज्ञान में तो आया है, लेकिन अभी तक एंटी करप्शन की ओर से कोई पत्र मुझे नहीं मिला है। पत्र मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई की जायेगी। बता दें कि अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में किसी भी तरह की विभागीय कार्यवाही से बचने के लिए बीईओ द्वारा तमाम जुगत लगाने के साथ ही मेडिकल अवकाश तक ले लिया गया था।