सैदपुर : घूसखोर एकाउंटेंट द्वारा नाम लेकर आरोप लगाने के बावजूद अब तक पद पर बने हैं खंड शिक्षा अधिकारी, आखिर किसका है वरदहस्त?



पकड़े गए एकाउंटेंट की फाइल फोटो



सैदपुर। सहायक शिक्षक की अनुपस्थिति कटवाने के नाम पर 10 हजार रूपए की घूस लेते हुए नगर स्थित बीआरसी कार्यालय के एकाउंटेंट की गिरफ्तारी के मामले में सैदपुर के खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय पर भी गाज गिर सकती है। इस मामले में एंटी करप्शन टीम के नेतृत्वकर्ता निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने खंड शिक्षा अधिकारी का नाम भी मुकदमे में शामिल कर लिया है। जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं हैरानी की बात ये है कि मुकदमे में आरोपी होने का जिक्र होने के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी अब तक अपने पद पर बने हुए हैं, जिससे क्षेत्र में उड़ रही इन चर्चाओं को बल मिल रहा है कि उनके सिर पर सत्ताधारी दल के एक माननीय का हाथ है। नारायणपुर ककरहीं प्रावि के सहायक शिक्षक यशवंत सिंह ने एंटी करप्शन यूनिट में शिकायत करके कहा था कि वो 28 अक्टूबर को किसी विभागीय कार्य से दोपहर साढ़े 12 बजे स्कूल से निकला। उसी के बाद करीब सवा 1 बजे खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय ने स्कूल का निरीक्षण किया और मुझे अनुपस्थित कर दिया। जिसके बाद प्रधानाध्यापक द्वारा पूरी बात बताकर कहा गया कि बीईओ से मिल लीजिए। आरोप लगाया कि जब खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय के कार्यालय में उनसे मिला तो उन्होंने कहा कि मामले का निस्तारण चाहते हो तो एक प्रार्थना पत्र व 10 हजार रूपए लेकर मेरे कंप्यूटर ऑपरेटर सुजीत शर्मा से मिल जो। जब सुजीत से मिला तो उसने कहा कि साहब के निर्देश पर 10 हजार रूपए मिलने के बाद ही मामले का निस्तारण होगा। इसके बाद शिक्षक ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की और एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर उसे धर दबोचा था। इसके बाद जब आरोपी को थाने लाया गया तो मुकदमे के अनुसार, उसने पूछताछ में स्पष्ट रूप से खंड शिक्षा अधिकारी अविनाश राय का नाम लेते हुए कहा कि उनके कहने पर ही मेरे द्वारा रूपए मांगे गए थे। ये भी बताया कि पूर्व में भी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अन्य कुछ लोगों से मेरे खाते में रूपए भिजवाए गए हैं और उन रूपयों को उनके द्वारा व्हाट्सएप पर बताए जाने वाले खातों में भेजा गया है। इस मामले में पुलिस ने जहां एकाउंटेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, वहीं मुकदमे में दर्ज एकाउंटेंट के बयान में खंड शिक्षा अधिकारी का नाम भी कई बार आया है। ऐसे में अब देखना ये है कि शिक्षा विभाग क्या कार्रवाई करता है। बता दें कि कई शिक्षक, शिक्षक नेता आदि नाम न छापने की शर्त पर खंड शिक्षा अधिकारी के बारे में बता रहे हैं कि ये बड़े पैमाने पर किया जा रहा था।



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