जखनियां : सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित शहीद को याद करने उमड़ा जनसैलाब, सैन्य अधिकारियों ने भी दी श्रद्धांजलि
जखनियां। सेना के जवानों के लिए समूचा देश उनका एक परिवार व नागरिक परिजन के समान है। शहीदों के परिजनों का ख्याल रखें तो सैनिकों को और अधिक मनोबल प्राप्त होगा। उक्त बातें ऐमावंशी गांव में महावीर चक्र विजेता व बलिदानी पंडित रामउग्रह पाण्डेय के 53वें शहादत दिवस पर सूबेदार मेजर लेफ्टिनेंट आईपी मौर्य ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहीं।
1971 में भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए बलिदानी रामउग्रह पांडेय को तत्कालीन राष्ट्रपति बीबी गिरी द्वारा सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बलिदानी राम उग्रह पांडेय के पैतृक गांव ऐमावंशी स्थित शहीद पार्क में धूमधाम के साथ मनाया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए सिक्किम से आए लेफ्टिनेंट आईपी मौर्य ने कहा कि जिस प्रकार सैनिक समूचे देश को एक परिवार मानते हुए उसकी रक्षा के निमित्त अपने प्राणों की आहुति दे देता है, उसी प्रकार आमजन का भी कर्तव्य बनता है कि वह शहीदों के परिजनों के सुख-दुख का ख्याल ही नहीं बल्कि उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। इधर श्रद्धांजलि सभा शुरू होनेके काफी देर पहले ही सांसद अफजाल अंसारी ने व बलिया सांसद सनातन पांडेय ने शहीद पार्क में पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद परिजनों से मिलकर उनका हाल जाना। कार्यक्रम में गार्ड यूनिट के तरफ से शहीद के परिजनों को 1 लाख रूपए की व सांसद की तरफ से 50 हजार रूपए की सहयोग राशि दी गई। लेफ्टिनेंट सूबेदार मेजर ने यूनिट प्रतिनिधि के रूप में व सांसद ने मंच पर शहीद की पुत्री सुनीता पाण्डेय को सहयोग राशि भेंट किया। मेजर ने बताया कि काफी प्रयास के बाद शहीद की पुत्री को महावीर चक्र का पेंशन प्राप्त होने लगा है। शीघ्र ही उन्हें सेना से प्राप्त होने वाली अन्य सभी सुविधाएं भी मुहैया करा दी जाएगी। उनके साथ सेनाधिकारी मेजर सूबेदार ईश्वर पाल मौर्य, श्रीराम जायसवाल, बृजेंद्र राय, शशिकांत यादव, सुधीर यादव, उपेंद्र यादव, बलिस्टर मौर्य, सोनू लाल, सूरजपाल आदि रहे।
इसी क्रम में शहीद रामउग्रह पांडेय के शहादत दिवस पर रेलवे स्टेशन पर लगी प्रतिमा पर प्रमोद वर्मा के नेतृत्व में लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। जहां काफी संख्या में पूर्व सैनिक व 1971 की लड़ाई में बलिदानी रामउग्रह पांडेय के साथ रहे सेना के जवान हवलदार दुर्गा यादव, कैप्टन रामप्यारे, राम अवतार, महेंद्र, शिवमुनी राम, राम सिंहासन, खरचू यादव आदि मौजूद थे। उन सभी का सम्मान किया गया। इस मौके पर रामराज वनवासी, अवधेश यति, प्रशांत सिंह आदि रहे।