पंख लगे नहीं और घूसखोरी की उड़ान भरने लगी महिला दारोगा, ट्रेनिंग की अवधि में ही घूस लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ दबोचा
गोरखपुर। एक तरफ पुलिस की छवि को साफ करने के लिए महकमा व बड़े अधिकारी अभियान चलाकर उत्कृष्ट कार्य करते हैं तो दूसरी तरफ ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसे काम कर दिए जाते हैं, जो भ्रष्टाचार के क्षेत्र में भी एक काली नजीर बन जाते हैं। ऐसा ही मामला मुख्यमंत्री के जनपद गोरखपुर से आया है। जहां एक महिला पुलिस उपनिरीक्षक ने पंख लगने से पहले ही घूसखोरी के क्षेत्र में उड़ान शुरू कर दी और उसे एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ी गई महिला एसआई अभी यूपी पुलिस में प्रशिक्षु के रूप में है। उसके प्रशिक्षण अवधि में ही घूसखोरी लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने की घटना का पता चलने के बाद पूरे प्रदेश में जहां चर्चाओं का बाजार गर्म है, वहीं पुलिस की छवि धूमिल हो रही है। बिहार के भोजपुर जिले के बड़हरा थानाक्षेत्र के मया सबलपुर निवासिनी अंकिता पांडेय पुत्री मनोज पांडेय यूपी पुलिस में बीते 2023 में ही बतौर महिला दारोगा भर्ती हुई है। उसका अभी प्रशिक्षण चल रहा है और वो प्रशिक्षण अवधि में गोरखपुर के पिपराइच थाने में तैनात है। इस बीच गोरखपुर के बेला सेमहरवा टोला निवासिनी उर्मिला देवी पत्नी गोरख के परिजनों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें से महिला की बेटियों का नाम मुकदमे से निकालने के एवज में प्रशिक्षु महिला दारोगा अंकिता ने उर्मिला से 10 हजार रूपए की घूस मांगी। जिसके बाद महिला ने एंटी करप्शन टीम की मदद ली और शिकायत के बाद उर्मिला को टीम ने केमिकल लगे हुए 10 हजार रूपए दिए। इसके बाद बेला कांटा बाजार में महिला दारोगा अंकिता ने उर्मिला को बुलाया और पुलिस बूथ पर उससे घूस के 10 हजार रूपए लिए। जैसे ही उसने रूपए हाथ में लिए तो वहां सादे कपड़ों में मौजूद एंटी करप्शन की टीम ने उसे धर दबोचा और उसका हाथ धुलवाया तो वो लाल हो गया। इसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए जेल भेज दिया गया। टीम में निरीक्षक निर्मला यादव आदि रहे। वहीं पूरे क्षेत्र में लोग इस बात की चर्चा करते हुए उसे कोस रहे हैं कि जनता की सेवा व ड्यूटी को सही से करने का प्रशिक्षण लेने की जगह प्रशिक्षु दारोगा घूस लेने का काम करने लगी।