सिधौना : पर्यटन केंद्र के रूप में संवर रहा औड़िहार का वाराह धाम, 2.8 करोड़ की लागत से हो रहा सुंदरीकरण कार्य
सिधौना। अपने पौराणिक महत्व एवं नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध वराहधाम को पर्यटन विभाग सुंदरीकरण के माध्यम से सुविधाजनक एवं आकर्षक बना रहा है। औड़िहार में मोक्षदायिनी गंगा नदी के सुरम्य तट पर श्रीहरि विष्णु के तीसरे अवतारी भगवान वाराह का मंदिर है। यहां मंदिर में स्वयंभू भगवान वराह की श्यामवर्ण मूर्ति रूप में विराजमान है। गंगा नदी के तट पर भगवान वाराह के इस धाम पर त्रेतायुग में भगवान श्रीराम भाई लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ आये थे। इस पौराणिक महत्व वाले धाम पर भगवान शंकर व माता पार्वती संग एक ही अरघे में जोड़े शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। औड़िहार स्थित इस वराहधाम पर साल भर दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं का पूजा अर्चना कार्य चलता रहता है। यहां गंगा नदी पर बने आदित्य बिड़ला घाट को पर्यटन विभाग विस्तार दे रहा है। 2 करोड़ 8 लाख 70 हजार रूपए की लागत से पूरे वाराह धाम परिसर को सजाया संवारा जा रहा है। टूरिज्म डेवेलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ श्री वाराहधाम योजना के अंतर्गत गंगा नदी के घाट को विस्तार कर 18 मीटर लंबाई और बढ़ाया जा रहा है। वृहद शौचालय काम्प्लेक्स बनाया जा रहा है, जहां महिलाओं और पुरुषों के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। गोरखपुर-वाराणसी हाइवे से वाराह धाम जाने वाले मार्ग पर वृहद प्रवेश द्वार के साथ श्रद्धालुओं के बैठने के लिए स्टोन बेंच लगाया जाएगा। पूरे धाम परिसर को सोलर लाइट से जगमग किया जाएगा। यहां काफी दूर दूर से लोग आकर श्रद्धा का पूजन एवं श्राद्ध का तर्पण कार्य करते है। मांगलिक कार्यक्रम एवं हवन कथा साल भर अनवरत चलता रहता है। पर्यटन विभाग के एक्सईएन ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस धाम को आकर्षक एवं सुंदर बनाकर पर्यटकों को बेहतर सुख सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।