बकाएदारों के घरों की कुर्की कराने वाले बिजली विभाग की ही कुर्क हुई जमीन, 44 साल पुराने मुकदमे में हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
गाजीपुर। आमतौर पर बकाया बिजली बिल न जमा करने पर उपभोक्ताओं की अचल संपत्तियों की कुर्की आदि कराने वाले बिजली विभाग पर ही आफत आन पड़ी है। करीब 44 साल पुराने एक मुकदमे में जीतने वाले विद्युत उपभोक्ता को क्षतिपूर्ति का 16 लाख रूपया न चुकाने पर बिजली विभाग के लालदरवाजा स्थित अधीक्षक अभियंता के कार्यालय सहित विद्युत वितरण खंड प्रथम व मीटर विभाग के कार्यालय को मुनादी कराते हुए पुलिस ने एक माह के लिए कुर्क कर दिया। ये कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की गई। जिसके बाद हड़कंप मच गया है। करीब 44 साल पहले वर्ष 1980 में बिजली विभाग के अधिकारियों ने चेकिंग के दौरान मालगोदाम रोड निवासी बाबूलाल साहू के घर की बिजली को काट दिया था। उन्होंने अपने घर पर आटा चक्की के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कोल्हू आदि लगवा रखा था। जिसके बाद बाबूलाल ने इसके खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की और तमाम साक्ष्यों को देखा। इसके बाद मामले में कोर्ट ने विभाग को कई बार नोटिस भेजा लेकिन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। जिसके बाद इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए हाईकोर्ट ने प्रतिमाह 4 हजार रूपए की दर से वर्ष 1980 से 1 मई 2014 तक की क्षतिपूर्ति के रूप में विभाग को आदेश दिया कि वो पीड़ित को 16 लाख 32 हजार रूपए दे। इस आदेश के बावजूद विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी तो कोर्ट इसमें सख्त रूख अपनाते हुए विभाग की अचल संपत्तियों को एक माह तक के लिए कुर्क करने का आदेश दिया और कहा कि विभाग तत्काल पीड़ित को क्षतिपूर्ति की रकम चुकाए। इस आदेश के अनुपालन में पुलिसकर्मी व राजस्वकर्मी मौके पर पहुंचे और मुनादी कराते हुए उक्त भवन को कुर्क कर दिया। जिसके बाद विभाग के अधिकारी व कर्मचारी वहां से चले गए। 44 साल पुराने इस मुकदमे में तीसरी पीढ़ी की सशक्त पैरवी के बाद इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है, वहीं पीड़ितों में हर्ष का माहौल है।