सैदपुर : सरकारी चेक से लाखों गबन में सगे भाई गिरफ्तार, शातिर लिपिक फरार, गरीबों को ही टारगेट करके प्रति चेक देता था 5 हजार का लालच





सैदपुर। तहसील में लिपिक के पद पर कार्यरत शकील अहमद का सहयोग करने के मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए कार्रवाई की और नगर के दो चाय विक्रेताओं को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया। नगर स्थित तहसील मुख्यालय पर लंबे समय से तैनात लिपिक शकील अहमद भ्रष्टाचारी स्वभाव का था और पूर्व में भी भ्रष्टाचार के ही मामले में न सिर्फ निलंबित हो चुका था, बल्कि जेल भी जा चुका था। लेकिन कानूनी दांव पेंच से कोर्ट के जरिए उसने नौकरी में बहाली पा ली थी। इसके बावजूद उसकी नीयत में सुधार नहीं हुआ और कुछ माह पूर्व भी किसी से रूपए लेने का उसका वीडियो सामने आया था लेकिन उस मामले में ठोस प्रमाण न मिलने से कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच उसका स्थानांतरण सेवराई तहसील के लिए हो गया। तभी यहां खुलासा हुआ कि उसने दर्जनों की संख्या में सरकारी चेक काटकर लाखों रूपए का गबन किया। जिसका खुलासा होते ही प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। जांच में पता चला कि ये लाखों रूपए किसी धर्मेंद्र मोदनवाल, जितेंद्र मोदनवाल व प्रमोद यादव के खाते में गए हैं। जिसके बाद तहसीलदार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने तफ्तीश की तो पता चला कि धर्मेंद्र व जितेंद्र सगे भाई हैं और डाक बंगले के सामने उनकी चाय की दुकान है। वहीं प्रमोद यादव रावल का निवासी बताया जा रहा है। जिसके बाद पुलिस ने दोनों चाय विक्रेताओं को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वो डाक बंगले में चाय आदि ले जाते थे तो शकील उसके 500 या हजार रूपए भुगतान के बदले में कभी 20 हजार तो कभी 50 हजार रूपए का सरकारी चेक थमा देता था और उसे भुनाकर अपना रूपया काटकर हम बाकी के रूपए उसे दे देते थे और वो खुश होकर अतिरिक्त रूपए भी देता था। जिसके बाद पुलिस ने दोनों भाईयों को वाराणसी के जेल भेज दिया। वहीं तीसरे आरोपी प्रमोद यादव की तलाश कर रही है। इधर तफ्तीश में पता चला कि शकील अहमद काफी शातिर किस्म का व्यक्ति था और वो ऐसे ही लोगों को चेक भुनाने के लिए अपना टारगेट बनाता था जिन्हें कुछ रूपए देकर काम करवा सके। दोनों भाईयों की गिरफ्तारी के बाद उनके ही पास के एक गरीब व्यक्ति ने बताया कि शकील उसके पास भी आया था और उससे कहा था कि वो उसका चेक भुनाया करे, उसके बदले में वो प्रति चेक 5 हजार रूपए देगा। जिसे उक्त गरीब व्यक्ति ने मना कर दिया था। वहीं ये भी पता चला कि जब पुलिस ने शुक्रवार की शाम को पूछताछ कि लिए जितेंद्र व धर्मेंद्र को उठाया तो इसका पता चलने के बाद भी शकील स्थिति जानने के लिए उसकी दुकान पर आया था और यहां आने के बाद फरार हो गया। जिसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश कर रही है। अब तक उसका पता नहीं चल सका है। पुलिस ने कहा कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गिरफ्तार करने वाली टीम में एसआई कौशलेश शर्मा, कां. अरविंद्र यादव, संदीप भारती, अभिषेक यादव व शुभम पटेल रहे।



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