भीमापार : यूनियन बैंक के अधिकारियों का तुगलकी फरमान, 25 हजार से कम लेनदेन वाले ग्राहकों का बैंक के अंदर प्रवेश वर्जित
भीमापार। क्षेत्र के मखदुमपुर की यूनियन बैंक की शाखा में 25 हजार रूपए से कम लेनदेने करने वाले ग्राहकों को शाखा के अंदर लेनदेन की अनुमति नहीं दी जा रही है और उन्हें जबरदस्ती ग्राहक सेवा केंद्रों पर भेजा जा रहा है। जिसके चलते ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बात शाखा प्रबन्धक ने बताया कि ऊपर से हमें ऐसा निर्देश दिया गया है और यह व्यवस्था सिर्फ यहीं नहीं बल्कि पूरे देश भर के यूनियन बैंक शाखाओं में लागू है। बताया कि निर्देश नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दिया गया है कि 25 हजार रूपए से कम लेनदेन करने वाले ग्राहकों को आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के तहत ग्राहक सेवा केन्द्रों से ही भुगतान मिलेगा। वहीं 25 हजार से कम निकासी ग्राहक सेवा केन्द्रों से और उससे अधिक की निकासी बैंक में चेक द्वारा किए जाने के आदेश के बाबत जब शाखा प्रबंधक से पूछा गया कि ऐसा है तो फिर बैंक की शाखाओं पर नगद निकासी पर्ची की क्या आवश्यकता है तो शाखा प्रबंधक ने बताया कि यह केवल समूह या मल्टीपल अकाउंट वालों के लिए ही है। जिसके बाद गाजीपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक निखिल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने ये कहते हुए अपना पीछा छुड़ाया कि बैंक की जमा और निकासी से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। जिसके बाद यूनियन बैंक के गाजीपुर के क्षेत्र प्रमुख से पूछने पर उन्होंने बताया कि ऊपर से स्पष्ट निर्देश है कि 25 हजार रूपए से कम लेनदेन करने वाले ग्राहकों को बैंक में आने की अनुमति न दी जाए। वहीं बैंक में उपस्थित कुछ ग्राहकों से पूछने पर उन्होंने इस आदेश को बैंक का तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि इस बैंक के ग्राहक सेवा केंद्रों से हम संतुष्ट नहीं हैं और आधार के जरिए अंगूठा लगाकर रूपए निकालना भी हमें सुरक्षित नहीं लगता, इसी वजह से हम बैंक आते हैं। क्योंकि बीते दिनों कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें खाताधारकों के खाते में बिना उसके गए फिंगरप्रिंट लगाकर रूपए निकाल लिए गए हैं। ऐसे ही एक मामले में सैदपुर के एक बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा जारी किए गए ग्राहक सेवा केंद्र का हसनपुर डगरा का संचालक पकड़ा भी जा चुका है। इसके अलावा कई ऐसे में मामले सामने आए हैं, जिसमें ग्राहक सेवा केंद्र संचालक की ही मिलीभगत पाई गई है। खाताधारकों ने कहा कि जब हमने अपना खाता बैंक में खुलवाया है तो हम लेनदेन करने के लिए कहीं और क्यों जाएं। इस तरह के फरमान से हम संतुष्ट नहीं हैं।