अगर आपके भी मोबाइल में हैं ये 12 ऐप्स तो एक क्लिक में खाली हो सकता है आपका बैंक खाता, जानें -



वाराणसी। गूगल प्ले स्टोर पर कई सारे खतरनाक ऐप्स मौजूद हैं। गूगल ने ऐसे करीब 12 खतरनाक ऐप्स की पहचान की है, जिसमें रिमोट एक्सेस ट्रोजन की पहचान की गई है। इन ऐप्स का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा है और इन्हें यूजर्स के कॉन्टैक्ट, मैसेज, फाइल, डिवाइस लोकेशन का एक्सेस करने के लिए किया जाता है। एक तरह से आसान भाषा में कह सकते हैं कि इनके डेवलपर इनका इस्तेमाल लोगों के मोबाइल से आवश्यक व गोपनीय जानकारियों को चोरी करने के लिए कर रहे हैं। ये एप्स आपके द्वारा मोबाइल में की जा रही सारी गतिविधियों पर नजर रखते हैं और चोरी छिपे अपने डेवलपर को ये जानकारियां भेजते हैं। जिसके चलते आपके एक क्लिक से आपका बैंक खाता पूरा खाली हो सकता है।



बता दें कि गूगल प्ले स्टोर पर लाखों की संख्या में ऐप्स मौजूद है, लेकिन इसमें से कई सारे ऐप्स इस्तेमाल के लिए खतरनाक होते हैं। ऐसे में गूगल समय-समय पर ऐसे ऐप्स की पहचान करके उसे रिमूव करता रहता है। दरअसल गूगल ने एक प्रोग्राम शुरू किया है, जिसे गूगल प्ले प्रोटेक्ट नाम दिया गया है। इसके तहत 12 खतरनाक ऐप्स की पहचान की गई है। इसमें 6 ऐप्स की गूगल प्ले स्टोर पर पहचान की गई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक साइबर सिक्योरिटी कंपनी ईएसईटी के एक रिसर्चर ने इन 12 ऐप्स के बारे में बताते हुए रिमोट एक्सेस ट्रोजन की पहचान की है। इसे वौरा स्पाई का नाम दिया गया है। इस ऐप का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जा रहा है। ये ऐप्स यूजर्स के कॉन्टैक्ट, मैसेज, फाइल, डिवाइस लोकेशन का एक्सेस हासिल कर लेते हैं। ऐप्स के नाम बताते हुए कहा कि रफाकत, प्रिवी टॉक, मीट मी, लेट्स चैट, क्विक चैट, चिट चैट, हैलो चैट, याहू टॉक, टी टॉक, नाईडस, ग्लो चैट व वेव चैट नाम के ऐप्स अगर आपके मोबाइल में हैं तो उन्हें तत्काल मोबाइल से हटा दें। बताया कि वैसे तो गूगल प्ले स्टोर से इन ऐप्स को हटा दिया गया है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अगर आपके फोन में ये ऐप्स मौजूद हैं, तो उन्हें तुरंत फोन से हटा दें। सलाह दिया कि ऐप्स को इंस्टॉल करने से पहले उसके परमिशन पर ध्यान दें। यानी वो कौन से परमिशन को एक्सेस कर रहा है, उस पर ध्यान दें। इसके बाद रिव्यू को चेक करें। अगर पॉजिटिव रिव्यू हैं, तभी ऐप्स को डाउनलोड करें। किसी भी ऐप्स को कितने ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है, उस पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके बाद ऐप्स के डिस्क्रिप्शन पर ध्यान देना चाहिए।



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