टीबी मरीजों को खोजने में मददगार बन रहा एकीकृत निक्षय दिवस, गुरूवार को होगा आयोजन
गोरखपुर। जनपद में हर माह की 15 तारीख को मनाया जाने वाला एकीकृत निक्षय दिवस टीबी मरीजों को खोजने में मददगार साबित हो रहा है। एक वर्ष में 486 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से इस दिवस पर 152 टीबी मरीज खोजे गये हैं। टीबी के संभावित लक्षणों वाले 3753 मरीजों में से 12 एचआईवी पाजिटिव मिले और 3995 मरीजों में से 238 में मधुमेह की समस्या पाई गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव का कहना है कि प्रत्येक माह की 15 तारीख को जिले के सभी एचडब्ल्यूसी पर यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन अवकाश होने की स्थिति में अगले कार्यदिवस पर इसका आयोजन किया जाता है। चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर टीबी का इलाज करवा रहे 51 वर्षीय धर्मेश (काल्पनिक नाम) पेशे से पेंटिंग का काम करते हैं। निक्षय दिवस पर जांच में इसी साल उनमें टीबी की पुष्टि हुई। वह बताते हैं कि उन्हें इसी साल जून में लगातार खांसी आनी शुरू हुई। मेडिकल स्टोर से खांसी की दवा खरीद कर सेवन किया। इससे कोई लाभ नहीं हुआ। जुलाई के पहले सप्ताह में खांसी के साथ आए बलगम में खून भी दिखा। इससे काफी घबरा गये। दिक्कत को गांव की आशा कार्यकर्ता पुष्पा को बताया। आशा ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक की खांसी, सीने में दर्द, बलगम में खून आना, कमजोरी, भूख न लगना आदि टीबी के लक्षण हैं और जांच नजदीकी एचडब्ल्यूसी पर हो जाती है। वह आशा कार्यकर्ता के साथ जुलाई में आयोजित निक्षय दिवस पर बालापार स्थित एचडब्ल्यूसी पर गये। वहां पर सीएचओ शीबा ने बलगम की जांच की और रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि हुई। धर्मेश को चरगांवा पीएचसी रेफर कर दिया गया। एसटीएस की मदद से उन्हें निक्षय मित्र से जोड़ा गया और उन्हें हर माह पोषण पोटली मिल रही है। खाते में 500 रुपये प्रति माह आ रहे हैं, जिससे वह दाल, गुड़, चना, दूध, पनीर आदि पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। पूरे परिवार की टीबी जांच भी कराई गई और उन्हें बचाव की दवा दी जा रही है। अब वह धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दिसम्बर 2022 से लेकर अक्टूबर 2023 तक प्रत्येक माह के निक्षय दिवस में 71502 मरीज एचडब्ल्यूसी आए जिनमें से 6244 मरीज टीबी के लक्षणों वाले थे। इन्हीं मरीजों में से जांच के बाद टीबी, एचआईवी और मधुमेह के नये रोगी भी खोजे गये। प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी और मधुमेह की जांच अनिवार्य तौर पर की जाती है। इसी प्रकार एचआईवी मरीज की टीबी जांच भी अनिवार्य तौर पर कराई जाती है। मधुमेह और एचआईवी के मरीजों में टीबी की आशंका ज्यादा होती है। डॉ यादव ने बताया कि उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह और पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र की जिला स्तरीय टीम की देखरेख में प्रत्येक माह निक्षय दिवस का आयोजन हो रहा है। इस माह 15 नवम्बर को अवकाश होने के कारण 16 नवम्बर को इसका आयोजन होगा।