टीबी से स्वस्थ हुए लोग नेटवर्क से जुड़कर टीबी उन्मूलन में देंगे योगदान, चुने गए 18 टीबी चैंपियन
गोरखपुर। टीबी एक ऐसी बीमारी है जिसके मरीज खुल कर सामने नहीं आना चाहते। उनके उनके मन में बैठे भय और भ्रांति के कारण वह इलाज के प्रति आश्वस्त भी नहीं हो पाते। ऐसे में टीबी का इलाज संभव है, इसकी समस्त जांचें व इलाज सरकारी तंत्र में उपलब्ध हैं। टीबी से ठीक होने के बाद सामान्य जीवन जी सकते हैं। जिसका संदेश समुदाय के दिल और दिमाग में पहुंच जाएं तो नये मरीज भी सामने आएंगे और इलाज करवा कर स्वस्थ हो सकेंगे। इस कार्य में टीबी चैम्पियन की अहम भूमिका है। उक्त बातें जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहीं। बताया कि टीबी चैम्पियन को ही जोड़ कर टीबी एलिमिनेशन फोर्स के गोरखपुर चैप्टर के नेटवर्क का गठन किया गया है। टीबी से स्वस्थ हुए अधिकाधिक लोग इस नेटवर्क से जुड़कर टीबी उन्मूलन में सक्रिय योगदान दे सकते हैं। जुड़ने वालों को समय-समय पर टीबी उन्मूलन सम्बन्धित आने वाली योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। जिले में नेटवर्क से चार नये लोग जुड़े हैं, जिससे इसके सदस्यों की संख्या अब 18 हो चुकी है। जो भी नये सदस्य जुड़ेंगे उनमें से सक्रिय लोगों को सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान (एसीएफ), नये टीबी रोगी सूचना दाता और ट्रीटमेंट सपोर्टर जैसी जिम्मेदारियों के लिए चयनित किया जाएगा और उन्हें निर्धारित प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। निक्षय मित्र के तौर जुड़ने वाले टीबी चैंपियन को प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। डीटीओ ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था वर्ल्ड विजन इंडिया की मदद से इस नेटवर्क का गठन हुआ है। बीते दिनों हुई नेटवर्क की बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ दीपक चतुर्वेदी, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, एसटीएस गोविंद और संस्था के प्रतिनिधि शक्ति पांडेय ने सभी सदस्यों का संवेदीकरण किया। सदस्यों को बताया गया कि नये टीबी मरीजों तक पहुंच कर या फोन के जरिये सम्पर्क कर उनका मनोबल बढ़ाना है। मरीज को इलाज की समस्त सुविधाओं से अवगत कराना है। साथ ही अपनी कहानी बताकर उन्हें भरोसा दिलाना है कि टीबी से ठीक होने के बाद वह भी आपकी तरह स्वस्थ जीवन जी सकता है। शक्ति पांडेय ने बताया कि नेटवर्क से जुड़ने के लिए 9005159259 पर सम्पर्क किया जा सकता है। साथ ही जिला क्षय रोग केंद्र पर नेटवर्क के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश से सम्पर्क कर सकते हैं। नेटवर्क के योग्य सदस्यों को स्थान की उपलब्धता के अनुसार टीबी चैम्पियन बना कर उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।