बहरियाबाद : सरकार का स्वच्छता अभियान यहां सरकारी विभागों में तोड़ रहा दम



अमित सहाय की खास रिपोर्ट बहरियाबाद, गाजीपुर। पीएम के आह्वान पर एक तरफ पूरे देश में भारत को स्वच्छ करने का अभियान चल रहा है वहीं दूसरी तरफ बहरियाबाद क्षेत्र में कहीं कोई जागरूकता देखने को नहीं मिल रही है।



सरकारी संस्थान हो या गैर सरकारी संस्थान या फिर स्थानीय कस्बा सहित क्षेत्र के अन्य गांव हों, कमोबेश ये स्थिति हर जगह की है। ज्यादातर स्थानों पर तरफ गंदगी का अम्बार है। स्थानीय जल निगम परिसर पूरी तरह से घास-फूस व झाड़-झंखाड एवं लताओं के चलते जंगल में तब्दील है। स्थानीय पशु चिकित्सालय समेत पूरा परिसर व आवास गंदगी का केन्द्र बना हुआ है। स्थानीय यूनानी अस्पताल जो चकसदर स्थित सरकारी आवास में संचालित है उसके बाहर चारो तरफ गंदगी ही गंदगी पसरी है। कस्बे के बीचो बीच स्थित प्राथमिक विद्यालय बहरियाबाद द्वितीय की चहारदीवारी न होने से वो आवारा पशुओं का केन्द्र बनने के साथ-साथ मुहल्ले वालों के लिए घर की गंदगी फेंकने का सुलभ अड्डा बन गया है। मध्य बाजार में लबे सड़क स्थित सहकारी संघ का भवन एक प्रकार से लावारिस हो चुका है इसके साथ ही गंदगी केन्द्र के रूप में स्थान बनाया हुआ है। स्थानीय पंचायत भवन चारो तरफ़ से गंदगी से घिरा हुआ है। जिसका पंचायत भवन के रूप में न जाने क्यूँ कभी उपयोग ही नही हुआ। वर्तमान में इस पर लोगों का अवैध कब्जा है। यही हालात कमोबेश क्षेत्र के अधिकांश सरकारी संस्थानों का दिखाई दे रहा है। कबीर चौक से कस्बा को आने वाले मार्ग पर खरवा इनार के पास हमेशा भारी मात्रा में गंदगी पड़ी रहती है। पूरा क्षेत्र दुर्गंध से बजबजाता है जबकि दिन-रात लोगों का ज्यादा संख्या में गमनागमन होता रहता है। पूरे कस्बे में जगह-जगह नालियाँ बजबजाती हैं और गंदा पानी सड़क पर बहता है। सरकारी कागजों के अनुसार लगभग हर घर में शौचालय होने के बावजूद कस्बा से पूरब चौरहापार का मार्ग हो या कस्बा से दक्षिण खटकान से सादात मार्ग पर जाने वाला मार्ग हो या कस्बा स्थित हनुमान मंदिर से पश्चिम खरवा ईनार या टावर का क्षेत्र हो या कस्बा से उत्तर पावर हाउस को जाने वाला मार्ग हो, सब पर दोनों तरफ शाम व सुबह शौच को लोग जाते है। इस राह से गुजरना रोगों को निमंत्रण देना है। बावजूद इसके भारी संख्या में उक्त मार्गों से बराबर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस दिशा में सम्बंधित विभाग व ग्राम प्रधान पूरी तरह से उदासीन बने हुए हैं। लोगों के शिक़ायत का क़ोई फ़र्क नहीं पड़ता है। यही कारण है कि बहरियाबाद कस्बा सहित पूरे क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान कहीं दिखाईं नहीं दे रहा है। हालांकि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा समय समय पर संकेतात्मक साफ-सफाई का ड्रामा खबरों की सुर्खियां बनने के लिए जरूर किया गया है।



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