फत्तेपुर में बैंक एजेंट की लाश के मामले में मृतक के भाई ने बैंक मैनेजर व थानाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप, जानें -





सैदपुर। खानपुर थानाक्षेत्र के फत्तेपुर गांव में बीते 13 फरवरी को खेत में मिली बैंक एजेंट की लाश के मामले में मृतक के भाई ने बैंक मैनेजर सहित खानपुर थानाध्यक्ष पर बड़ा व गंभीर आरोप लगाया है। वो सैदपुर सीओ कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने आए थे। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है। क्योंकि पंचनामा व पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मौके पर लाश की फोटो अलग-अलग कहानी बयान कर रहे हैं। बीते 13 फरवरी को जौनपुर के चंदवक स्थित हरिहरपुर गांव निवासी स्वतंत्र पांडेय की लाश फत्तेपुर गांव में खेत में पड़ी मिली थी। वो चंदवक के यूनियन बैंक शाखा से लोगों का लोन पास कराने का काम करते थे। केराकत तहसील में कार्यरत मृतक के बड़े भाई अरूण पांडेय ने शाखा प्रबंधक राजीव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि हत्या में शाखा प्रबंधक की मिलीभगत है। इसके अलावा खानपुर एसओ भी उनकी तरफ से ही काम कर रहे हैं। कहा कि 13 फरवरी को स्वतंत्र घर से कहकर गया कि वो बैंक जा रहा है। इसके बाद करीब 11 बजे शाखा प्रबंधक पहली बार हमारे घर आए और मां से पूछा कि ‘पांडेय कहां है’। जिस पर मां चिंता देवी ने कहा कि वो बैंक गया है। जिसके बाद इधर उधर घूमकर किसी से फोन पर बात किया और फिर कहा कि ‘पांडेय फंस गया।’ फिर मां से कहा कि ‘अगर कोई सूचना आए तो हमें बताईएगा।’ ये कहकर वो चले गए। मैनेजर की ये बात सुनकर मां किसी अनहोनी की आशंका से घबरा गई और फोन कराना शुरू किया लेकिन स्वतंत्र का फोन नहीं उठा। इसके बाद 371वीं बार जब फोन किया तो किसी ने उठाया और कहा कि वो खानपुर थाने से बोल रहा है, उनकी लाश खेत में मिली थी। जिसके बाद वो फौरन पहुंचे तो पुलिस ने अरूण पांडेय की तरफ से एक तहरीर किसी को बोलकर लिखवाई और अरूण के हस्ताक्षर के बाद शव को मर्चरी भेज दिया गया। अरूण का आरोप है कि उनसे जब हस्ताक्षर कराया गया तो वो अपने होशोहवाश में नहीं थे। वहीं पुलिस का ये कहना है कि परिजनों आने के बाद उनकी तहरीर पर पुलिस मौके पर पहुंची, जबकि मृतक के परिजन पुलिस की सूचना पर ही सीधे थाने पहुंचे थे। इसके अलावा पुलिस की पंचनामा रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के शरीर पर किसी भी तरह का जाहिरा चोट नहीं था। जबकि मृतक के परिजनों द्वारा खींची गई फोटो में पेट पर दो स्थान पर कटे का निशान साफ दिख रहा है। अरूण के अनुसार, जब परिजन फोटो ले रहे थे तो पुलिसकर्मियों ने चोट पर हमसे ही स्वेटर डलवा दिया। आरोप लगाया कि पूरे मामले में बैंक मैनेजर को पहले से ही घटना का पता था। ऐसे में वो इसमें शामिल हैं। वहीं खानपुर एसओ द्वारा आज तक इस मामले में ठोस कार्रवाई न करना, उन पर भी मिलीभगत का संदेह जाहिर करता है। इस मामले में पीड़ित अरूण ने एसपी से लगायत आईजी से गुहार लगाई। जिसके बाद आईजी के निर्देश पर उनका कलमबद्ध बयान सीओ कार्यालय में लिया गया। मृतक की मां चिंता देवी समेत पत्नी सरिता, पुत्र ओम, पुत्रियां वैष्णवी व 7 साल की कृतिका का रो-रोकर बुरा हाल है। अरूण पांडेय ने कहा कि पूरा मामला स्पष्ट रूप से हत्या का है, लेकिन पुलिस इसमें जांच नहीं कर रही है। क्योंकि जहां पर सड़क किनारे उनकी बाइक मिली, वहां से कुछ मीटर दूर अंदर खेत में उनकी लाश मिली।



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