200 साल पुराने शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद हो रहा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन, महाशिवरात्रि पर होगी पूर्णाहुति



भीमापार। क्षेत्र के बरहपार नसरतपुर गांव स्थित 200 साल पुराने शिव मंदिर का जीर्णोद्धार किए जाने के बाद ग्रामीणों द्वारा संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। गांव स्थित शिव मंदिर में कथा कि 6ठें दिन वाराणसी के कथावाचक घनश्याम पान्डेय ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा साक्षात कल्पवृक्ष है। इसके श्रवण मात्र से मनुष्य के पाप दूर होते हैं। जिन श्रद्धालुओं ने इस कथा का श्रवण किया है उन पर परमात्मा की अपार अनुकंपा होगी। कहा कि जिस प्रकार सूर्य संपूर्ण सृष्टि में अंधकार का नाश कर प्रकाश का प्रादुर्भाव करता है, उसी प्रकार श्रीमद्भागवत महापुराण मनुष्य के मन में व्याप्त अज्ञान रूपी अंधकार दूर कर ज्ञान का प्रकाश करती है। श्रीमद्भागवत कथा कृष्ण भगवान की शब्दावली है, जिसमें सभी पुराण, चारों वेद व छह शास्त्रों का संपूर्ण ज्ञान अंकित हैं। भागवत् कथा श्रवण मन को पवित्र करने का एक मात्र उपाय है। सद्कर्म के बाद ही व्यक्ति के मन में भागवत कथा सुनने की इच्छा जागृत होती है। जिसे भागवत श्रवण का अवसर नहीं मिलता, उसका जीवन पशु तुल्य है। आयोजक पंकज सिंह ने बताया कि इस सात दिवसीय यज्ञ पूजन तथा श्रीमद्भागवत कथा के बाद 18 फरवरी को यानी महाशिवरात्रि पर दोपहर के बाद महाप्रसाद भंडारे का आयोजन किया गया है। इस मौके पर दिनेश सिंह, अजय कुमार सिंह, हरिकिशन सिंह, निहोरी पान्डेय, संजय सिंह, राजेश कुमार, खगेन्द्र सिंह, बंटी सिंह आदि मौजूद रहे।