यात्रियों की सहूलियत व सुविधा के लिए रेलवे ट्रैक पर बिखरे बैलास्ट गिट्टियों की हो रही सफाई
खानपुर। राजवारी और औड़िहार स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक की सफाई की जा रही है। डेढ़ घंटे का ट्रेन ब्लॉक लेकर प्रतिदिन रेलवे के इंजीनियर और एफआरएम मशीन ट्रैक की मरम्मत कर रहे हैं, ताकि ट्रेन सुरक्षित चले और यात्रियों को रेल के अंदर झटके न लग सके। पिछले एक सप्ताह से ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर ट्रैक की मरम्मत और गिट्टियों की सफाई चल रही है। ट्रैक से मिट्टी को साफ करने के लिए एफआरएम मशीन ट्रैक पर पड़े 20 एमएम से लेकर 65 एमएम तक के गिट्टियों को मशीन से साफ करती है और मिट्टी अलग होकर ट्रैक से दूर गिराती है। इसके बाद साफ पत्थर को डब्ल्यूएसएम मशीन से ट्रैक के नीचे पैक कर दिया जाता है। जिससे रेलवे ट्रैक पर पत्थर से मिट्टी की भी सफाई हो जाती है। बरसात के बाद ट्रैक पर पड़े पत्थरों में मिट्टी जमा हो जाती है जो स्लीपर के नीचे ठोस जमीन का रूप ले लेती है। जिससे रेल संचालन के लिए ठीक नहीं रहता है। ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन और यात्रियों को यात्रा के दौरान सुविधाजनक सफर रेलवे ट्रैक के गिट्टियों की मजबूती पर ही टिका होता है। लगातार ट्रैक पर ट्रेनों के दौड़ने से कुछ गिट्टियां महीन होकर पिस जाती हैं तो कुछ छोटी हो जाती हैं, जिसमें मिट्टी भर जाती हैं। जिससे पटरियां कमजोर हो जाती हैं। गिट्टियों की मात्रा रेलवे ट्रैक के हिसाब से बिछाई जाती हैं। रेलवे ट्रैक पर गिट्टियां इसलिए डाली जाती हैं कि पटरियों के बीच में घर्षण ना हो क्योंकि रेल का वजन काफी भारी भरकम होती है। जब ट्रेन चलती है तो इससे बहुत ज्यादा घर्षण होता है, जिसको कम करने के लिए बैलास्ट गिट्टियां बिछाई जाती है। रेलवे के ट्रैक इंजीनियर हसन खान ने बताया कि राजवारी स्टेशन से औड़िहार जंक्शन तक प्रतिदिन डेढ़ घंटे का ब्लाक लेकर कार्य किया जा रहा है।