हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए लगेगा शिविर, जिले में कई स्थानों पर होगा आयोजन





गोरखपुर। जिले में हाइड्रोसील के मरीजों के ऑपरेशन के लिए 20 से 22 दिसम्बर तक जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराइच और बेलघाट में शिविर लगने जा रहा है। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने दी है। बताया कि फाइलेरिया के कारण हाइड्रोसील की बीमारी से पीड़ित लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन इसके लिए सर्जरी करवानी पड़ती है। सर्जरी की यह सुविधा जिला अस्पताल में पहले से उपलब्ध है। इसके बावजूद ढेर सारे मरीज इस सुविधा का लाभ नहीं ले सके हैं। इसे देखते हुए ऐसे मरीजों के लिए कैम्प लगा कर तीन दिन तक सर्जरी की सुविधा दी जाएगी। बताया कि बताया कि फाइलेरिया के कारण हाथीपांव और हाइड्रोसील जैसी दो प्रमुख बीमारियां होती हैं। हाथीपांव को तो दवा या सर्जरी से ठीक नहीं किया जा सकता है लेकिन हाइड्रोसील को सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। इन दोनों बीमारियों से बचाव के लिए साल में एक बार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन पांच साल तक लगातार करना चाहिए। क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होने वाली यह बीमारी संक्रमण के बाद कई बार 10-15 साल बाद लक्षण दिखाती है। इसलिए बचाव ही सर्वोत्तम औषधि है। घरों के आसपास साफ सफाई रखने, मच्छरों का प्रजनन स्रोत नष्ट करने और मच्छरों से बचाव के सभी उपाय करने से भी इस बीमारी के संक्रमण को रोका जा सकता है। बताया कि जिन लोगों में हाथीपांव की दिक्कत शुरू होती है अगर वह समय रहते जांच करा कर दवा शुरू कर दें तो इसके प्रथम और द्वितीय चरण में इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जब यह तीसरे चरण में प्रवेश कर जाता है तो सिर्फ देखभाल और व्यायाम का ही सहारा रहता है। वहीं, हाइड्रोसील की समय से पहचान कर उसे सर्जरी के जरिये ठीक किया जा सकता है। सहायक मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा ने बताया कि जिले में 639 हाइड्रोसील के रोगी चिह्नित किये गये थे, जिनमें से 243 की सर्जरी की जा चुकी है। वहीं 396 मरीजों की सर्जरी अभी की जानी है। कैम्प इसमें मददगार साबित होगा।



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