गुणवत्तापूर्ण आंकड़ों से सुदृढ़ होगा नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, जिले भर में प्रशिक्षित किये गये डेटा हैंडलर





गोरखपुर। गुणवत्तापूर्ण आंकड़ों(डेटा) के आधार पर ही नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाया जा सकता है। डेटा विश्लेषण के आधार पर ही खामियों (गैप्स) का पता लगाया जा सकता है और भावी योजनाएं तैयार की जा सकती हैं। डेटा सही होगा तो समुदाय तक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम की सभी सुविधाएं आसानी से पहुंचाना संभव होगा और पांच साल में सात बार के नियमित टीकाकरण की प्रतिबद्धता को पूरा किया जा सकेगा। यह बातें जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने डेटा हैंडलर्स के बुधवार की देर शाम तक चले एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम के दौरान कहीं। डॉ. कुशवाहा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा-निर्देश पर चाई संस्था के सहयोग से 23 डेटा हैंडलर्स को प्रशिक्षित किया गया। संस्था के प्रतिनिधि दिलीप गोबिंद राव और तारिक ने हैंडलर्स को गुणवत्तापूर्ण डेटा फीडिंग का तरीका बताया। डॉ कुशवाहा ने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों से सुरक्षित और असरदार टीके की सुविधा का प्रावधान है और यह टीके 12 प्रकार की बीमारियों से बचाव करते हैं। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न पोर्टल और एप पर जब डेटा फीडिंग सही तरीके से की जाती है तो यह पता लगाना संभव हो पाता है कि किन क्षेत्रों में अभियान पर विशेष जोर देना है। किन क्षेत्रों में अतिरिक्त सत्र लगाने हैं। टीकाकरण के प्रभावों का भी आकलन संभव हो पाता है। नीति निर्णय में भी डेटा की अहम भूमिका है और इसी वजह से यह प्रशिक्षण कराया गया। प्रशिक्षण के प्रतिभागी और ड्रिस्ट्रिक्ट एचएमआईएस की जिम्मेदारी संभालने वाले मनीष त्रिपाठी ने बताया कि डेटा गैप्स को दूर करने के बारे में विस्तार से जानकारी मिली है। इस प्रशिक्षण से डेटा की गुणवत्ता में और सुधार आएगा और इससे नियमित टीकाकरण की सेवाएं सुदृढ़ होंगी। इस मौके पर एसीएमओ डॉ एके चौधरी, एआरओ अजीत सिंह, यूएनडीपी संस्था से पवन कुमार सिंह, जेएसआई संस्था के अमित आदि रहे।



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