शिक्षक के मार के डर से स्कूल छोड़ चुके थे बच्चे, समाजसेवियों ने पहुंचाया स्कूल
राहुल सिंह की खास रिपोर्ट मरदह, गाजीपुर। कहते हैं सरकारें व उनके नुमाइंदे अगर फेल हों तो समाज के कुछ जिम्मेदार लोगों को आगे आना पड़ता है। बुधवार को ऐसे ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी की गंभीरता को समझने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अनूठी शुरूआत की और शिक्षक की मार की डर से स्कूल छोड़ चुके वनवासी बच्चों का पुनः दाखिला स्कूलों में कराया।
मामला मरदह के गोविंदपुर मलिकनाथ गांव का है जहां पर संचालित डा. भीमराव अंबेडकर प्राथमिक पाठशाला संचालित होती है। उक्त विद्यालय में शिक्षा के अधिकार अधिनियिम 2009 के अनुसार बच्चों को शारीरिक सजा न देने के कानून का खूब मखौल उड़ाया जाता है। बच्चों व उनके अभिभावकों का आरोप है कि बच्चों से सवाल पूछने के दौरान न आने पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को मारा पीटा जाता था। जिसके डर से दर्जनों बच्चों ने स्कूल ही छोड़ दिया। ये बात सामाजिक कार्यकर्ता बृजभूषण दूबे को पता चली तो वो अपने सहयोगी अवनीश चतुर्वेदी, ओमप्रकाश यादव, कृष्णानंद, केशरी मिश्र आदि के साथ पहले वनवासी बस्ती में पहुंचे और वहां अभिभावकों को घंटों समझाया और बच्चों के शिक्षा के अधिकार के साथ ही कानून के बारे में भी बताया। इसके बाद बच्चों को बुलाया और उनके बढ़ चुके नाखूनों को काटा, उन्हें नहलाया धुलाया और फिर बच्चों को करीब डेढ़ किमी दूर स्कूल लेकर पहुंचे और शिक्षकों से वार्ता की। उन्हें अधिनियम 2009 के बारे में बताते हुए कहा कि वो बच्चों को मारें पीटें नहीं और किसी भी तरह का दंड देने से परहेज करें। ये अपराध है और इसके एवज में उनके ऊपर कार्रवाई भी हो सकती है। इसके बाद बच्चे स्कूल में बैठे और करीब डेढ़ दर्जन बच्चों के लिए एमडीएम के तहत फिर से तहरी और दूध का इंतजाम विद्यालय में किया गया। गोविंदपुर वनवासी बस्ती से विद्यालय तक की दूरी तय करने के बीच सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बच्चों को यातायात के नियम एवं सड़क पार करना भी बताया। स्कूल पहुंचे इन बच्चों में किसी के पास जूते चप्पल नहीं थे। इस बाबत प्रधानाध्यापक मुसाफिर राम ने बताया विद्यालय में अभी जूते मोजे नहीं बंटे हैं तथा सभी बच्चों को पर्याप्त मात्रा में ड्रेस व बैग का भी वितरण नहीं किया गया है। शौचालय के अभाव में बच्चे खेतों में जाते हैं और विद्यालय का हैंडपंप भी प्रदूषित पानी देता है तथा भोजन पकाने के लिए किचन सेट भी न होने की बात कही। इस पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि वो जिलास्तरीय अधिकारियों से इसकी शिकायत कर उनके संज्ञान में इस बात को लाएंगे। इस मौके पर गुल्लू सिंह यादव, शशिकांत पाठक, कृष्णानंद आदि मौजूद थे।