नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों का व्यवहार बदलेगी बीआरटी, स्वास्थ्य विभाग ने किया अभिमुखीकरण





गोरखपुर। जिले के सभी ब्लॉक में तैनात ब्लॉक रिस्पांस टीम (बीआरटी) नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों का व्यवहार बदल कर बच्चों का टीकाकरण कराएंगी। शहरी क्षेत्र में यह कार्य प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सिटी कम्युनिटी प्रॉसेस मैनेजर (सीसीपीएम) करेंगे। इस सम्बन्ध में यूनिसेफ संस्था के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन सीएमओ कार्यालय स्थित प्रेरणा श्री सभागार में किया। ब्लॉक क्षेत्रों से आए बीआरटी से जुड़े प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) और स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (एचईओ) को उदासीन परिवारों को समझाने के टिप्स भी दिये गये। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक बच्चों का सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है। जिले में कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो मिथक, भ्रांतियों व अन्य कारणों से बच्चों के टीकाकरण के प्रति उदासीन रहते हैं। ऐसे परिवारों को चिह्नित कर बीआरटी और प्रभावशाली लोगों की मदद से टीकाकरण के लिए उन्हें तैयार किया जाएगा। इस सम्बन्ध में यूनिसेफ के ड्रिस्ट्रिक्ट मोबिलाइजेशन ऑफिसर डॉ हसन फहीम और नीलम यादव ने विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण में अपील की गयी कि लोगों के बीच जाकर यह संदेश देना है कि नियमित टीकाकरण बच्चों की 12 प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है। सरकारी टीके पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार हैं। कोल्ड चेन में रख कर इनकी गुणवत्ता बनायी रखी जाती है। कार्यक्रम के प्रतिभागी और जंगल कौड़िया सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनीष चौरसिया ने बताया कि प्रशिक्षण में मिली जानकारी आशा, एएनएम और हेल्थ सुपरवाइजर्स के साथ साझा की जाएगी। आशा के जरिये ऐसे उदासीन परिवारों को चिन्हित करना है और फिर उसकी लिस्ट ब्लॉक पर एएनएम के माध्यम से मंगानी है। लिस्ट आने के बाद हेल्थ सुपरवाइजर्स, बीआरटी और प्रभावशाली लोगों जैसे पंचायत सहायक, ग्राम प्रधान, लेखपाल, पारिवारिक मित्र आदि की मदद से ऐसे लोगों के बच्चों का नियमित टीकाकरण करवाया जाएगा। सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के क्षेत्रीय समन्वयक वेद प्रकाश पाठक ने भी नियमित टीकाकरण में मीडिया संचार की भूमिका के बारे में प्रस्तुति दिया। कार्यक्रम में ड्रिस्ट्रिक्ट एआरओ अजीत सिंह, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश कुमार, डॉ ईश्वर लाल, डॉ मणि शेखर, डॉ नीतू, डॉ अमित, डॉ शालिनी, बीपीएम मो. अकीब, गगन चतुर्वेदी, शिवा आदि रहे। अध्यक्षता एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार ने किया।



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