गोवंशों में तेजी से फैल रहा लंपी रोग, पशु चिकित्सक ने किया जागरूक





भीमापार। क्षेत्र में इन दिनों जानवर खासकर गाय और भैंस में लंपी स्किन रोग तेजी से फैल रहा है। इस संक्रामक रोग से ग्रसित जानवरों के शरीर पर चकत्ते उभर आते हैं। पशुओं को बुखार हो जाता और चारे की खुराक कम हो जाती है। पशुओं में फैल रही इस बीमारी को लेकर पशुपालक परेशान हैं। यह बीमारी वायरसजनित है। यह तेजी से गाय, बैल, भैंस सहित अन्य पशुओं को अपनी चपेट में ले रहा है। लंपी स्किन डिजीज का संक्रमण तेजी से जानवरों में फैल रहा है। क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में यह वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। इससे प्रभावित जानवरों के शरीर पर बहुत अधिक संख्या में चकत्ते उभर आए हैं। बीमारी से ग्रसित दूध देने वाले पशु जमीन से भी नहीं उठ पा रहे हैं। पशुओं में फैल रही इस बीमारी की कोई कारगर दवा नहीं है। जानवरों की यह स्थिति देख पशुपालक व ग्रामीण बहुत परेशान हैं। यह संक्रामक रोग एक से दूसरे में फैलता जा रहा है। इसलिए इसकी तुलना कोरोना से की जा रही है। क्षेत्र के मंगारी, दलीपरायपट्टी, बिजरवाँ, कुआँटी, नाथूपुर, महुरसा, मखदुमपुर, भीमापार, रामदासपुर, बरहपार नसरतपुर आदि गांवों के पशुपालक इस रोग के फैलने से परेशान हैं। मंगारी गांव निवासी पशुपालक राजीव कुमार सिंह का कहना है कि इसके पहले ऐसी बीमारी नहीं देखी। इसके लक्षण चेचक की तरह दिख रहे हैं। पशुओं के शरीर पर छाले बनते हैं और फिर फूट जाते है। जरा सी चूक होने पर कीड़े पड़ जा रहे हैं। चिकित्सक सामान्य दवा के साथ अन्य पशुओं से दूर रखने तथा साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने की सलाह दे रहे हैं। इस बाबत बड़ागांव के पशु चिकित्सक डॉ. रमेश यादव ने बताया कि यह वायरस जनित लम्पी स्किन डिजीज बीमारी है। पशुपालकों को सलाह दी जा रही है कि वे संक्रमित पशु को अन्य पशुओं से दूर रखें। घाव की देखभाल करते रहें। इस वायरस काल की अवधि 5 से 10 दिन है। इस दौरान पशुओं का खास ख्याल रखने की जरूरत है।



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