जिले में फाइलेरिया के खिलाफ शुरू हुई जागरूकता मुहिम, फाइलेरिया मरीज की मदद से स्कूली छात्र हुए जागरूक
गोरखपुर। स्वास्थ्य विभाग ने स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से फाइलेरिया के खिलाफ जनजागरूकता की मुहिम शुरू की है। इसी क्रम में राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस के मौके पर पिपराइच ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय महराजी के बच्चों और शिक्षकों को इस बीमारी के बारे में फाइलेरिया मरीज के जरिये जानकारी दी गयी। इससे पहले गांव के नौ फाइलेरिया मरीजों ने बैठक कर जनजागरूकता अभियान से जुटने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के जरिये सभी लोगों को संदेश दिया गया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए पांच साल तक साल में एक बार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के दौरान दवा का सेवन अवश्य करें। विद्यालय की शिक्षिका पूर्णिमा मिश्रा ने बताया कि संस्था के जिला समन्वयक अश्विनी चतुर्वेदी ने बीमारी के कारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जागरूकता कार्यक्रम में शिक्षकों समेत 180 बच्चों ने प्रतिभाग किया। यह बताया गया कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर सभी लोगों को साल में एक बार इस बीमारी से बचाव की दवा खानी है। अगर तेज बुखार के साथ शरीर में सूजन हो तो फाइलेरिया क्लिनिक पर रात में जाकर जांच अवश्य करवा ली जाए। फाइलेरिया के वाहक क्यूलेक्स मच्छर गंदगी में फैलते हैं, इसलिए साफ-सफाई रखनी है और मच्छरों से बचाव के लिए पूरे बांह के कपड़े पहनने हैं। फाइलेरिया मरीज ने अपने अनुभवों को साझा किया। सीफार के जिला समन्वयक अश्विनी चतुर्वेदी ने जागरूकता कार्यक्रम में बताया कि अगर कोई भी फाइलेरिया मरीज मिले तो उसे सीएचसी की सेवाएं लेनी चाहिएं। ऐसे मरीजों को संस्था द्वारा शरीर के सूजन वाले अंग के देखभाल का तरीका भी बताया जा रहा है। लक्षण दिखने पर शीघ्र उपचार से फाइलेरिया ठीक भी हो जाता है लेकिन देरी होने पर हाथीपांव की स्थिति में सिर्फ घाव की देखभाल कर उस पर नियंत्रण किया जा सकता है। इस मौके पर रुचि यादव, सीमा चौबे, दीपू सिंह, रम्भा देवा, विगना देवी आदि मौजूद रहे।