सिर्फ प्लेटलेट की कमी ही डेंगू के लक्षण नहीं होते, समय से होगी पहचान तो घर बैठे हो सकते हैं स्वस्थ





गोरखपुर। डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षणों को पहचान कर अगर शीघ्र इलाज करा लिया जाए तो सामान्यतया न तो अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ती है और न ही अतिरिक्त प्लेटलेट्स की जरूरत होती है। दिक्कत तब होती है जब लक्षणों के बावजूद समय से इलाज न करवा कर लोग या तो मेडिकल स्टोर की दवा लेकर खाना शुरू कर देते हैं या फिर अप्रशिक्षित झोलाछाप से इलाज करवाने लगते हैं। सरकारी अस्पतालों पर डेंगू के निःशुल्क रैपिड जांच के इंतजाम हैं। वहां जांच कराने पर जो भी लोग पॉजीटिव आते हैं उनकी एलाइजा जांच कराई जाती है और डेंगू कंफर्म होने पर निःशुल्क इलाज किया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि डेंगू के बुखार को सामान्य बुखार व सिरदर्द मान कर मनमाने तरीके से दवा खाना और आराम न करना घातक है। डेंगू की शीघ्र पहचान होने पर चिकित्सक तरल खाद्य पदार्थों के सेवन, मच्छरदानी में रहने और आराम करने की सलाह के साथ दवा चलाते हैं। सामान्यतया मरीज इन उपायों से ठीक भी हो जाते हैं। मधुमेह, हृदयरोग या गर्भावस्था के साथ डेंगू के इलाज का अलग प्रोटोकॉल है और इन अवस्थाओं में डेंगू के लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए। खून पतला करने वाली दवाएं डेंगू में जटिलताएं बढ़ा देती हैं। प्लेटलेट्स घटने का प्रत्येक मामला डेंगू से जुड़ा नहीं होता है, कई बार फीवर के अन्य मामलों में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। ऐसे में स्वयं प्लेटलेट्स की जांच करवा कर अपने मन से कोई निर्णय न लें। जांच, सलाह और इलाज सबकुछ चिकित्सक की देखरेख में ही उचित है। डॉ दूबे ने बताया कि अक्सर लोग चिकित्सक के पास पहुंचने में देर कर देते हैं और ज्यादा देर होने पर कई बार चिकित्सक पूरा प्रयास करने के बावजूद जटिलताओं पर नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। डेंगू और बुखार सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर 104, 1075 या 18001805145 पर सम्पर्क किया जा सकता है। डेंगू के इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं लेकिन बेहतर होगा कि इससे बचाव के उपाय पर ध्यान दिया जाए। वहीं नगर पंचायत पिपराइच के चुंगी तिराहा निवासी दिलीप मणि त्रिपाठी का कहना है कि अगर समय रहते चिकित्सक को दिखाया जाए और उनकी सलाह पर घर रह कर इलाज किया जाए तो डेंगू आसानी से ठीक हो जाता है। उन्हें गाजियाबाद में रहते हुए डेंगू हो गया था। पहले सिरदर्द के साथ बुखार हुआ और फिर लूज मोशन आने लगा। उन्होंने चिकित्सक को दिखाया और लक्षणों के आधार पर हुई जांच में डेंगू निकला। उनका प्लेटलेट्स 24000 तक चला गया था। दिलीप कहते हैं कि चिकित्सक ने उन्हें दवा दी, आराम करने की सलाह दी और तरल खाद्य पदार्थ व जूस का सेवन करने को कहा। दिलीप ने दवा के साथ प्रतिदिन दाल का जूस, आंवले का जूस, विभन्न फलों के जूस का सेवन किया और खूब आराम किया। सातवें दिन तक बुखार ठीक हो गया और उनका प्लेटलेट भी डेढ़ लाख से अधिक हो गया। तबसे वह सामान्य जीवन जी रहे हैं।



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