स्वास्थ्य मंत्री की कड़ाई के बाद फॉर्म में आया गाजीपुर का स्वास्थ्य महकमा, अब रोजाना सभी सरकारी अस्पतालों की जांच करेंगे अधिकारी
ग़ाज़ीपुर। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक द्वारा दो दिनों पूर्व गाजीपुर भ्रमण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद का निरीक्षण किया गया। इस दौरान डिप्टी सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने एवं डेंगू से प्रभावित मरीजों के समुचित उपचार व व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया था। जिसके क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने जिले सभी चिकित्सा अधीक्षकों व प्रभारी अधिकारी को स्वास्थ्य मंत्री से मिले आदेशों के बाबत निर्देश जारी किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कई तरह के निर्देश दिए गए हैं। जिसके क्रम में उन्होंने सभी चिकित्सालयों में रोजाना साफ-सफाई कराने के साथ ही सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति नियमित रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। साथ ही सभी उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन पांच सामुदायिक, प्राथमिक, न्यू पीएचसी, हेल्थ वेलनेस सेंटर व उपकेंद्रों का औचक निरीक्षण कर उनके फोटो को विभागीय ग्रुप में भेजने का निर्देश दिया है। बताया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित समय से ओपीडी सेवा शुरू करने, आने वाले मरीजों को दवा, जांच हेतु परामर्श की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दे दिया गया है। कहा कि यदि किसी मरीज के परिजन द्वारा यदि बाहर की जांच व दवा के संबंध में शिकायत की जाती है तो संबंधित चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा समस्त चिकित्सालय पर एडीएल के सापेक्ष दवा की उपलब्धता होनी चाहिए। कहा कि यदि दवा उपलब्ध न हो तो मांगपत्र तैयार कर केंद्रीय औषधि भंडार से दवा प्राप्त करें। एंटी रेबीज एवं एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। कहा कि सभी इकाईयों पर शुगर एवं बीपी की दवा उपलब्ध होनी चाहिए। इसके अलावा डेंगू की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाए। डेंगू के मरीज पाए जाने पर नियमानुसार निरोधात्मक कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाए। जनपद में चलने वाले चार मोबाइल मेडिकल वैन को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में ही लगाकर दवा वितरण कराया जाए। उन्होंने बताया कि निर्देश का पालन सभी चिकित्सा अधिकारी सुनिश्चित करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।