महामंडलेश्वर ने किया श्रीमद् भागवत कथा का समापन, बहाई ज्ञान की गंगा
जखनियां। भौतिक शरीर में आत्मा रूपी परमात्मा को जानना, समझना व पाना है तो मानव के लिए अर्पण, तर्पण व जीवन में समर्पण करने से ही जन्म सफल होगा। श्रीमद् भागवत कथा के यजमान भी संपूर्ण फल के भागी बनते हैं। उक्त बातें क्षेत्र के मीरपुर गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ के समापन में सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंथ भवानी नंदन यति महाराज ने कहीं। कहा कि राजनीति व धर्मनीति में बहुत अंतर है। अध्यात्म बहुत उन्नत है और जीवन का उत्कर्ष यहीं से उत्पन्न होता है। ऐसी ज्ञान की गंगा बहानी है तो जमीन पर आना ही होगा। कहा कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त हैं। हम उन्हें बाहर ढूंढते रह जाते हैं, जबकि वो हमारे अंदर ही है। कहा कि अपने अंदर का मैल धोने के बाद प्रभु से भी साक्षात्कार हो जाता है। इस मौके पर आचार्य सुरेश प्रसाद त्रिपाठी, संजय पांडेय, सिद्धपीठ के महात्मा अभयानंद यति, लौटू प्रजापति, मनीष कुमार पांडेय, संतोष यादव, आयोजक मंगला सिंह, हरिप्रसाद सिंह, अजीत सिंह, सभाजीत सिंह, कपिलदेव सिंह, संतोष मिश्र, आनंद मिश्रा, बृजेंद्र राय आदि रहे।