संचारी रोगों के बाबत जागरूक करने को हुई बैठक, मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवा को लेकर भी दिया गया निर्देश
गोरखपुर। बदलते मौसम और मच्छरों के प्रकोप को देखते हुए अभी संचारी रोगों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। लोगों को मच्छरजनित रोगों और मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूक किया जाए और प्रेरित किया जाए कि बुखार होने पर सरकारी अस्पताल में निःशुल्क इलाज कराएं। उक्त दिशा निर्देश परियोजना निदेशक (डीआरडीए) अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिया गया। स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवा और छाया वीएचएसएनडी सत्रों में गुणात्मक सुधार के लिए कहा गया। यह भी दिशा निर्देश दिया गया कि अस्पतालों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि समिति में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गयी। यह दिशा-निर्देश मिला कि बच्चों और गर्भवती का शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। समुदाय में यह संदेश दिया जाए कि पांच साल में सात बार बच्चे को टीका लगवाना अनिवार्य है। नियमित टीकाकरण के कारण आने वाले बुखार से घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह टीके का सामान्य प्रभाव है। गर्भवती को प्रेरित किया जाए कि प्रसव पूर्व चार जांचें अवश्य कराएं। अगर जांच के दौरान उच्च जोखिम गर्भावस्था की स्थिति मिलती है तो पहले से ही उच्च सुविधाओं वाले अस्पताल का चुनाव कर लिया जाए। टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन और ज्यादा से ज्यादा मरीजों को गोद दिलवाने का भी निर्णय हुआ। डॉ दूबे ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में सक्रिय एसएनसीयू में समुदाय के स्तर से बच्चों को भेजने का दिशा निर्देश दिया गया। परिवार नियोजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम, कुष्ठ रोग उन्मूलन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम समेत विभिन्न राष्ट्रीकृत कार्यक्रमों की समीक्षा की गयी। यह दिशा-निर्देश दिया गया कि सभी अस्पतालों पर चिकित्सकों और स्टॉफ की समय से शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को योजना से आच्छादित किया जाए। बैठक में यूनिसेफ, यूपीटीएसयू और सीफार के प्रतिनिधियों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान आयुष्मान भारत योजना के बारे में विस्तार से चर्चा हुई और निर्देश दिया गया कि योजना के पात्र लाभार्थियों के प्रेरित कर ज्यादा से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं। उन्हें आशा कार्यकर्ता के जरिये योजना के महत्व से अवगत कराया जाए और कार्ड बनाएं जाएं। आशा कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाए। योजना की डीपीसी डॉ संचिता और ग्रीवांस मैनेजर विनय ने उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी और बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनके श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ नंद कुमार, डॉ एके चौधरी, अधीक्षक डॉ अंबुज श्रीवास्तव, डीसीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जिला कृषि रक्षा अधिकारी आरडी वर्मा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन कुमार गुप्ता, पवन कुमार, क्वालिटी सेल से विजय, डीआईओ आदिल आदि रहे।