सम्राट स्कंदगुप्त के साम्राज्य के ऐतिहासिक अवशेष पर समाजसेवी सनाउल्लाह शन्ने के नेतृत्व में जलाए गए 5 हजार दीप, 5 सालों से पहचान दिलाने में जुटे
सैदपुर। सारनाथ की तरह सैदपुर के भितरी गांव में स्थित ऐतिहासिक सम्राट स्कंदगुप्त के साम्राज्य के अवशेष पर भाजपा नेता सनाउल्लाह शन्ने ने ग्रामीणों के साथ मिलकर आपसी सौहार्द से दीपावली पर पूरे साम्राज्य को रोशन किया। भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित सम्राट स्कंदगुप्त की जीत के बाद बनवाए गए विजय स्तंभ पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। जहां रंगोलियों के साथ ही 5 हजार दीप जलाकर पूरे साम्राज्य को सजाया गया था। बेहद सुनसान स्थान पर मौजूद साम्राज्य के अवशेष पर हर तरफ दिए जलने के बाद पूरी तरह से अंधेरे में बेहद आकर्षक प्रतीत हो रहा था। रंगेली व 5 हजार दीप आकर्षण का केंद्र रहा। लोग विजय स्तंभ देखने के लिए भारी संख्या में जुटे। सेल्फी लेने वालों की भी भीड़ जुटी थी। भाजपा नेता व समाजसेवी सनाउल्लाह शन्ने ने बताया कि आज से पांच साल पूर्व ये यहां पर दीपावली की शुरूआत महज पांच दियों से की गई थी और आज 5 हजार दीप जलाकर इसे हिंदू व मुस्लिम समुदाय ने न सिर्फ कौमी एकता प्रस्तुत की, बल्कि इसे और भव्य बना दिया। बता दें कि सरकारी तंत्र द्वारा उपेक्षित इस ऐतिहासिक धरोहर को उसकी सही जगह दिलाने के लिए समाजसेवी सनाउल्लाह शन्ने कई सालों से जुटे हुए हैं। शन्ने ने बताया कि अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिये लगातार प्रयास कर रहा हूँ। ये स्तंभ भारत के महान सम्राट स्कंदगुप्त की उस जीत के बाद बनाया गया था, जिसे उन्होंने 2 हजार साल पूर्व हूणों पर हासिल की थी। कहा कि जैसे-जैसे लोगों को इस स्थान के बारे में जानकारी हो रही है, लोग यहां से जुड़ रहे हैं। कहा कि बीते दिनों कौन बनेगा करोड़पति में एक करोड़ का सवाल भी भितरी के इसी स्थान के बारे में पूछा गया था। इसके अलावा सिनेमा जगत की बड़ी फिल्मों में शुमार बाहुबली भी सम्राट स्कंदगुप्त की इसी जीत को लेकर बनाई गई है। कहा कि स्कंदगुप्त ने उन बर्बर हूणों पर जीत हासिल की थी, जिनके सामने पूरी दुनिया हार मान चुकी थी। कहा कि हमारे अंदर भी उनका ही डीएनए है। गाजीपुर के युवा आज देश की सीमाओं पर जाकर देश की रक्षा कर रहे हैं। इसके पश्चात सभी में मिष्ठान्न का वितरण किया गया। इस मौके पर जफरूल हसन, टीपू सुल्तान, कैफ़ुल वरा, दानिश, हैदर अली, राकेश मधुकर, हाशमी, संतोष आदि रहे।