कोई भी हो बुखार, जरूर जाएं अस्पताल, संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए हुई बैठक





गोरखपुर। जिले के हर नागरिक को यह संदेश दिया जाए कि बुखार कैसा भी हो अस्पताल जाकर चिकित्सक से ही इलाज कराएं। सभी सरकारी अस्पतालों पर बुखार का इलाज निःशुल्क है। सरकारी अस्पताल जाने के लिए 108 नंबर डॉयल करके निःशुल्क सुविधा का लाभ उठाया जाए। हाईग्रेड फीवर के इलाज के लिए सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर अर्ली ट्रीटमेंट सेंटर की व्यवस्था है और सबसे पहले इन्हीं केंद्रों पर तेज बुखार के मरीज को ले जाने का संदेश दिया जाए। बुखार का इलाज जल्दी शुरू होने से व्यक्ति जल्द स्वस्थ होगा। यह दिशा-निर्देश मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने जिला स्तरीय अन्तर्विभागीय बैठक में दिये। अक्टूबर में प्रस्तावित विशेष संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान के संबंध में यह बैठक विकास भवन सभागार में मंगलवार को हुई। सीडीओ ने अभियान से संबंधित विभागों से अपील की कि समन्वय बना कर कार्य करें और हाई रिस्क एरिया में फोकस्ड अभियान चलाने का प्रयास करें। दस्तक अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साथ-साथ जाएं। स्क्रबटाइफस को देखते हुए लोगों को प्रेरित किया जाए कि वह नंगे पैर झाड़ियों में न तो खुद जाएं और न ही बच्चों को जाने दें। झाड़ियों की साफ-सफाई कराई जाए। चूहा और छछूंदर से बचाव के उपाय किये जाएं। बरसात को देखते हुए नालियों की नियमित सफाई हो और जिन इलाकों में स्वच्छ टैप वाटर की सुविधा हो वहां लोग हैंडपंप का इस्तेमाल न करें। युद्धस्तर पर झाड़ियों की साफ-सफाई की जाए। विद्यालयों में वीडियो संदेश के जरिये बच्चों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जाए। गांवों से निकलने वाले डेंगू के मामलों को देखते हुए वहां साफ पानी के जलजमाव को नियंत्रित किया जाए और खासतौर से पशुओं के नाद में साफ पानी इकट्ठा नहीं होने देना है। अभियान के नोडल स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि एक से 31 अक्टूबर तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह चलेगा, जबकि सात से 21 अक्टूबर तक दस्तक पखवाड़ा चलाया जाएगा। एक माह के अभियान में कुल 12 विभाग मिलकर संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता फैलाएंगे और विभागीय कार्यवाही भी करेंगे। दस्तक अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीम घर-घर जाकर बुखार के रोगियों को अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करेंगी। कुपोषित बच्चे चिह्नांकित किये जाएंगे और टीबी मरीज भी खोजे जाएंगे। उल्टी दस्त की दवा और क्लोरीन का टैबलेट बांटेंगी व मच्छरों के प्रजनन स्रोत वाले स्थानों को चिन्हित कर सूचित करेंगी। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह, जिला पंचायती राज अधिकारी हिमांशु शेखर, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जेई एईएस कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ अंकुर सांगवान, यूनिसेफ के डीएमएसी डॉ हसन फहीम, नीलम यादव, पाथ संस्था के प्रतिनिधि डॉ राहुल कांबले, अभिनय कुशवाहा, सीफार प्रतिनिधि वेद प्रकाश पाठक आदि रहे।



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