कृषि मंत्री के वायदे के बावजूद कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों से छीन ली जमीनें, विरोध पर दर्ज करा दिया मुकदमा
देवकली। क्षेत्र के कुसुम्हीं कलां गांव में किसानों की बैठक हुई। इस दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिला बाल विकास आयोग के जिलाध्यक्ष अशोक प्रताप त्रिपाठी ने कहा कि आंकुशपुर गांव स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र प्रबन्धक/इंचार्ज द्वारा किसानों की जमीन पर बिना पैमाइश कराये तथा बिना मुआवजा दिये जबरदस्ती चहारदीवारी उठाकर कब्जा कर ली गई है। बताया कि आंकुशपुर गांव में 8 बिस्वा 6 धूर जमीन है। जिस पर किसान तारकेश्वर तिवारी, अमरनाथ तिवारी व बैजनाथ तिवारी का नाम खतौनी में दर्ज है। बताया कि विरोध के बावजूद कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रबन्धक ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया और उक्त जमीन को जबरदस्ती घेर लिया। इसके बाद किसानों को कोई मुआवजा भी नहीं दिया। जब किसानों ने उनसे हक मांगा तो उल्टा किसानों पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया। किसानों ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वहां पर कोई मारपीट नहीं हुई। किसानों ने इस मामले में सदर एसडीएम से मिले और उनसे मामले की शिकायत की। इसके अलावा बीते माह आंकुशपुर स्थित कृषि फॉर्म पर आए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने भी किसानों ने अपनी समस्या बताई और पत्रक भी दिया। जिस पर कृषि मंत्री ने भरोसा दिया था कि किसानों की जमीन नहीं ली जायेगी। इसके बावजूद किसानों की जमीन को जबरदस्ती घेर लिया गया और फर्जी मुकदमें में उन्हें फंसा दिया गया। आयोग ने कहा कि किसानों से अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो इस प्रकरण को राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं महिल बाल विकास आयोग में भी उठाया जायेगा। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष कमलेश सिंह यादव, सचिव रूद्रमणि त्रिपाठी, तारकेश्वर तिवारी, अमरनाथ तिवारी, बैजनाथ तिवारी, शशिकान्त, नन्दन आदि रहे।