शंकराचार्य का सैदपुर से था ये गहरा नाता, देखें उनके आवास के अंदर बेड आदि की एक्सक्ल्यूसिव तस्वीरें
सैदपुर। द्वारकापीठ व ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को 98 वर्ष व 9 दिन की अवस्था में निधन हो गया। उनका सैदपुर के बभनौली से गहरा नाता रहा है, यहां पर उनके द्वारा स्थापित मुक्तिकुटी आश्रम है। जहां पर वो हमेशा आते थे। यहां पर 2011 में उनकी शिष्या सोनिया गांधी समेत पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी आ चुके हैं। शंकराचार्य बभनौली के इसी मुक्तिकुटी में आठ दिवसीय महोत्सव आयोजित कराया था। वहां 19 मार्च 2019 को रात 11 बजे रासलीला देखते समय अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें वाराणसी ले जाया गया था। भारत की आजादी की लड़ाई में स्वरूपानंद सरस्वती ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उनके निधन के अगले दिन सोमवार को मुक्तिकुटी पर मीडिया टीम पहुंची। वहां मुख्य गेट खुला था लेकिन अंदर भवन में ताला बंद था। उसी भवन के प्रथम तल पर शंकराचार्य का कक्ष बना था, जिसमें कुटी में प्रवास के दौरान वो रहते थे। ताला खुलवाकर अंदर जाने पर वो कक्ष दिखा, जहां पर शंकराचार्य विश्राम करते थे। उनका बेड जस का तस पड़ा था। अन्य सामान रखे थे। अंदर जाने के लिए सीढ़ियों की बजाय रैंप बनाया गया था। क्योंकि तबीयत खराब होने के चलते पैदल चलने में वो असमर्थ थे। ऐसे में उन्हें व्हीलचेयर से कहीं भी ले जाया जाता था। इसी बात को ध्यान में रखकर उनके कक्ष तक जाने के लिए सीढ़ियों की बजाय रैंप बनाया गया था। गांव में जाने पर हर कोई उनके निधन की ही चर्चा कर रहा था और मर्माहत था।