धात्रियों को केएमसी का पाठ पढ़ा रहीं मेंटर निधि, 15 माह में 262 को दिलाया लाभ





गोरखपुर। भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नर्स मेंटर निधि अपनी टीम के साथ धात्री महिलाओं को कंगारू मदर केयर (केएमसी) का महत्व समझा रही हैं। केंद्र पर 262 धात्री महिलाओं को सवा साल के भीतर केएमसी सुविधा का लाभ दिलवाया गया है। लाभार्थी भी इस सेवा का बखूबी महत्व समझ रहे हैं। भटहट की रहने वाली 25 वर्षीय मंजू बताती हैं कि गत 26 फरवरी को आशा कार्यकर्ता सुनीता देवी की मदद से सीएचसी पर उनका प्रसव हुआ। यह उनका दूसरा बच्चा है। प्रसव के समय बेटे का वजन 2.5 किलोग्राम से कम था। नर्स मेंटर निधि ने उन्हें केएमसी का महत्व और तरीका समझाया और बताया कि सही तरीके से केएमसी देने से बच्चे का वजन बढ़ जाएगा। उन्हें बताया गया कि स्किन टू स्किन टच देना ही केएमसी है। केएमसी कार्नर में बच्चे को सीने से लगा कर चारों तरफ से शरीर को कपड़े से ढंककर त्वचा स्पर्श दिया गया और बच्चे का वजन बढ़ गया। अब मंजू का बेटा स्वस्थ है। निधि का कहना है कि केएमसी कमवजन वाले बच्चों का वजन बढ़ाने और हाइपोथर्मिया से बचाने में मददगार है। यह संदेश हर धात्री मां को दिया जाता है। ठंड के समय होने वाले प्रसव में इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि नवजात के शरीर का तापमान 36.5 से 37.5 डिग्री के बीच ही रहे। अगर तापमान इससे घट रहा है तो यह चिंता का विषय है और केएमसी आवश्यक है। अत्यधिक ठंड में भी केएमसी देते हैं। प्रसव कक्ष के पास ही केएमसी कार्नर बनाया गया है जहां इसकी जानकारी दी जाती है। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश का कहना है कि जिलें में 52 केएमसी कार्नर हैं, जिनमें भटहट का प्रदर्शन काफी अच्छा है। इस कार्य में नर्स मेंटर और नर्सेज की भूमिका अहम है। नवजात स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इस सुविधा और परामर्श की अहम भूमिका है। निधि ने वर्ष 2013 से भटहट सीएचसी से ही बतौर नर्स सेवाएं शुरू की थीं। वह कहती हैं कि तब केएमसी का इतना अधिक प्रचलन नहीं था। जिला स्तर पर उन्हें प्रशिक्षण मिला और उसके बाद धात्री महिलाओं को यह जानकारी दी जाने लगी। वर्ष 2018 में वह नर्स मेंटर बनीं। उनका कहना है कि अगर गर्भावस्था में मां को सही पोषण मिले तो बच्चे के कम वजन होने की आशंका कम हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान चार प्रसव पूर्व जांच अवश्य करवानी चाहिए ताकि जच्चा-बच्चा स्वस्थ रहें। आठ साल के बेटे और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ बतौर नर्स मेंटर सेवाएं दे रहीं निधी का कहना है कि सामुदायक सहयोग से ही स्वास्थ्य कार्यक्रम को सफल बनाया जा सकता है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< महिलाओं ने अखंड सुहाग व सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा वट सावित्री का व्रत, की गई पूजा
निमार्णाधीन मकान में काम करने के दौरान मजदूर को लगा करंट, मौके पर ही मौत, परिजनों में मचा कोहराम >>