योगी सरकार ने बढ़ाया आशा कार्यकत्रियों का मानदेय, दिया स्मार्टफोन, दोहरी खुशी पाकर झूमीं कार्यकत्रियां





ग़ाज़ीपुर। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ से प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की घोषणा करने के साथ ही उन्हें स्मार्ट फोन प्रदान किए जाने की शुरुआत की। इसी क्रम में शुक्रवार को ही जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभाकक्ष में सहकारिता राज्यमंत्री डॉ संगीता बलवंत के हाथों 14 आशा कार्यकर्ता को स्मार्टफोन देकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी। मोबाइल फोन मिलने और मानदेय बढ़ाए जाने की खुशी में आशा कार्यकर्ताओं के चेहरे खिल उठे। राज्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सबका साथ-सबका विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य व्यवस्था की एक मजबूत कड़ी आशा कार्यकर्ताओं को और मजबूत करने के लिए और उनके कार्यों मे पारदर्शिता लाने के लिए स्मार्टफोन का वितरण किया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह ने बताया कि जनपद में 3438 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं, जिसके सापेक्ष शासन की ओर से प्रथम चरण में 1112 मोबाइल जनपद को भेजे गए हैं। वहीं अन्य आशा कार्यकर्ताओं के लिए दूसरे राउंड में मोबाइल भेजा जाएगा। आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा आशा कार्यकर्ता को मिलने वाले 750 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 1500 रुपये किए जाने की घोषणा को सुनते ही आशा कार्यकर्ता में खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान सभाकक्ष में उपस्थित सभी लोगो ने उनके बढ़े हुए मानदेय के लिए बधाई दी। सीएमओ ने बताया कि डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के क्रम में आशा कार्यकर्ता द्वारा किए जाने वाले काम जैसे- टीकाकरण, प्रसव, वीएचएनडी सहित तमाम कार्यक्रमों का लेखा-जोखा अपने मोबाइल से करेंगी, जिससे तय समय में पूरा डेटा जिला मुख्यालय और प्रदेश मुख्यालय को मिलेगा। उन्होंने बताया कि आज सांकेतिक तौर पर मोबाइल फोन वितरण कार्यक्रम किया गया है। सभी ब्लाकों पर शेष मोबाइल को भेज दिया गया है, जिन्हें अगले एक से दो दिन में सभी आशाओं में वितरित कर दिया जाएगा। इधर मोबाइल मिलने के बाद सदर ब्लाक के प्रसादपुर गांव की आशा कार्यकर्ता गीता शर्मा ने बताया कि पहले उन्हें योजनाओं का रिकॉर्ड रखने में काफी दिक्कतें आती थी, लेकिन अब स्मार्टफोन मिल जाने से उनकी समस्या खत्म हो जाएगी। वहीं पंडितपुरा की रजनी कला ने बताया कि कई बार रिकॉर्ड दिये जाने के बाद भी दोबारा मांगा जाता था जिसके वजह से उन्हें अधिक श्रम करना पड़ता था। अब इस स्मार्टफोन से एक बार डेटा अपलोड हो जाने पर विभाग द्वारा दोबारा रिकॉर्ड नहीं मांगा जाएगा। इस मौके पर एसीएमओ डॉ उमेश कुमार, डॉ डीपी सिन्हा, डॉ मनोज सिंह, डीपीएम प्रभुनाथ, डीसीपीएम अनिल वर्मा, वरिष्ठ लिपिक अमित राय, राघवेंद्र सिंह आदि रहे।



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