विवाहों में गाई जाने वाली गारी का आज की महिलाओं ने बिगाड़ा स्वरूप, अभद्र गालियों का बढ़ा चलन - वैदेही





देवकली। क्षेत्र के ब्रह्म स्थल परिसर में चल रहे मानस सम्मेलन के दूसरे दिन अयोध्या धाम से आयी सुश्री वैदेही ने संगीतमय प्रवचन किया। कहा कि जब करोड़ों जन्मों के पुण्य का उदय होता है तो सत्संग व रामकथा सुनने का भाग प्राप्त होता है। कहा कि ये परमात्मा कृपा के बिना संभव नहीं है। कहा कि त्रेता युग में भगवान शिव माता सती के साथ विचरण कर रहे थे। उसी समय रास्ते में सीता हरण के पश्चात भगवान श्रीराम अनुज लक्ष्मण के साथ जंगल में माता सीता को ढूंढते हुए घूम रहे थे। कहा कि जब शिव जी जय सच्चिदानंद कहते हुए आगे बढे़ तो माता सती ने सिर्फ परीक्षा लेने के लिए सीता का रुप धारण कर लिया। जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें त्याग दिया। कहा कि पिता के महायज्ञ कार्यक्रम में पति शिव का अपमान देख माता सती ने उसी कुंड में सतीत्व को प्राप्त कर लिया और अगले जन्म में हिमाचल के घर पार्वती के रूप में जन्म लेकर तप करके पुनः भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। शिव विवाह पर मानस चातकी ने कहा कि शिव विवाह में बाराती पहले भोजन करते हैं, लेकिन शिव विवाह में बाराती बाद में भोजन करते हैं। विवाह में महिलाओं द्वारा गाली प्रथा पर कहा कि आज के समय में आज के समय में महिलाओं ने इसका स्वरूप बिगाड़ दिया है और अब वो गारी नहीं, बल्कि अभद्र गालियों का गान करती हैं। कार्यक्रम के पूजन में पत्रकार अशोक कुशवाहा ने पत्नी लक्ष्मी देवी संग आरंभ व अंत के पूजन में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रभुनाथ पाण्डेय, पवन वर्मा, अवधेश मौर्य, अर्जुन पाण्डेय, रामनरेश मौर्य, बबलू वर्मा, नरेन्द्र कुमार मौर्य, त्रिलोकीनाथ गुप्ता, दयारम गुप्ता आदि रहे। संचालन अरविन्द लाल श्रीवास्तव ने किया।



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