लदने वाला है भारी भरकम पता लिखने का जमाना, अब मोबाइल नंबर की तर्ज पर डिजिटल पते पर पहुंचेगी पिया की पाती



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



गाजीपुर। आने वाले समय में पोस्ट ऑफिस से अब चिट्ठियां आपके द्वारा लिखे गए पते पर नहीं, बल्कि मोबाइल नंबर की तर्ज पर बनाए जा रहे 12 अंकों के यूनिक कोड नम्बर के आधार पर घरों तक पहुंचाई जाएंगी। जल्द ही देशभर में सभी लोगों के लिए डिजिटल एड्रेस कोड लाया जा रहा है, जो आपके एड्रेस का आधार लिंक यूनिक कोड होगा। इससे आने वाले दिनों में ऑनलाइन डिलिवरी समेत कई तरह की सुविधाओं में मदद मिलेगी। विभाग सभी घरों के लिए डिजिटल यूनिक कोड बना रहा है। जो हर पते को डिजिटल ऑथेंटिकेशन यानी प्रमाणीकरण करेगा। डिजिटल एड्रेस कोड बनाने के लिए देश के हर घर को अलग-अलग यूनिक पहचान दी गई है और एड्रेस को जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स से लिंक किया जाएगा। ताकि हर किसी के एड्रेस को सड़क या मोहल्ले से नहीं, बल्कि नंबर्स और अक्षरों वाले एक स्थायी कोड से हमेशा पहचाना जा सके। मौजूदा वक्त में पोस्टमैन सटीक पता होने होने के बाद भी सही लोकेशन तक नहीं पहुंच पाते हैं। लेकिन वो इस कोड को टाइप करके या फिर क्यूआर कोड की तरह स्कैन करके घर की सटीक लोकेशन हासिल कर पाएंगे। इस तरह बिना एड्रेस फीड किये आपके कई सारे काम इस कोड की मदद से पूरे हो सकेंगे और इस कोड में डिजिटल मैप्स भी देख सकेंगे। संचार विभाग के डाक विभाग की तरफ से पहले ही इस प्रस्ताव पर तेजी से कार्य किये जा रहे है। ऐसे में जल्द हर घर का डिजिटिल यूनिक कोड होगा। यह पिन-कोड की जगह लेगा। यह हर घर के लिए डिजिटल कोऑर्डिनेट की तरह काम करेगा। डाक विभाग के इस योजना से हर तरह के सामान सही पते पर तत्काल पहुंचाना सुनिश्चित हो जाएगा। डिजिटल प्लेटफॉर्म से डिलिवरी देने वालों को पते का सटीक लोकेशन तुरंत मिल जाएगा। इससे हर घर का ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी किया जा सकेगा। बैंकिंग, बीमा और टेलीकॉम के लिए एड्रेस का प्रमाण नहीं देना होगा। एक तरह से ई-केवाईसी के तौर पर काम करेगा। प्रॉपर्टी, टैक्सेशन, आपदा प्रबंधन, आपात सेवाओं, चुनाव प्रबंधन, जनगणना एवं जनसंख्या रजिस्टर आदि के तैयार कराने में आसानी होगी।



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