ठंड आई लेकिन अभिभावकों के खाते में नहीं आई सरकारी धनराशि, अब तक पुराने यूनिफॉर्म व बिना स्वेटर के जा रहे बच्चे





खानपुर। परिषदीय विद्यालयों में अधिकांश बच्चे अपने पुराने स्कूल ड्रेस और बिना स्वेटर पहने ही स्कूल पहुंच रहे हैं। गिने चुने अभिभावकों के खाते में ही स्कूली ड्रेस के पैसे पहुंचे हैं। सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है लेकिन विद्यार्थियों में अभी तक बच्चे पुराने यूनिफॉर्म, जूते-मोजा और स्कूल बैग लेकर बिना स्वेटर पहने आ रहे हैं। इस बार सरकार ने यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, जूते और स्वेटर का पैसा विभाग के खाते की बजाय बच्चों के अभिभावकों के खातों में ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए शिक्षकों से अभिभावकों के बैंक खाता में सीधे भेज रहा है। चरणबद्ध तरीके से भेजे जा रहे पैसे अभी तक सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत अभिभावकों के खाते में ही पहुंचे हैं। जिससे सभी बच्चों को ड्रेस उपलब्ध नहीं हो सका है। जिन ग्रामीण अभिभावकों के खाते में पैसा आया है, वो भी उन पैसों से खेती किसानी या घरेलू खर्च में इस्तेमाल कर बच्चों को पुराने और जुगाड़ू ड्रेस में स्कूल भेज रहे हैं। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि बच्चों और उनके माता-पिता को बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि बच्चों को स्कूली ड्रेस में बैग और जूता मोजा के साथ ही स्कूल भेजें। अधिकांश अभिभावकों के खातों में अभी ड्रेस का पैसा ही नहीं पहुंचा है। जिनके खाते में पैसा पहुंचा है, उनका कहना है कि सरकार द्वारा भेजे गए 1100 रुपये में पूरी ड्रेस बाजार में नहीं मिल पा रही है।



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