हर घर दस्तक देकर चलाया जा रहा अभियान, शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण का रखा लक्ष्य





गोरखपुर। कोविड टीकाकरण की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रारंभ किये गये अभियान में हर घर दस्तक नामक एक नये कार्यक्रम को शामिल किया गया है। कोविड टीकाकरण को गति प्रदान करने के लिए 3 नवम्बर से हर घर दस्तक अभियान की शुरुआत की गयी है जो 30 नवम्बर तक चलेगी। यह अभियान काफ़ी महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इस अभियान की मदद से स्वास्थ्यकर्मी सुदूरवर्ती तथा दुर्गम क्षेत्रों में घर-घर जाकर आमजन, महिला, वृद्ध, दिव्यांग आदि को कोविड टीकाकरण हेतु प्रेरित कर रहे हैं। कोविड टीकाकरण के लिए तैयार सेशन साइट तक नहीं पहुंच पाने वाले लोगों के लिए भी हर घर दस्तक अभियान मददगार बन रही है। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र लिखकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि हर घर दस्तक अभियान के तहत 3 से 30 नवंबर तक कोविड टीकाकरण के पहले तथा दूसरे डोज देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर -घर जाकर लोगों कोविड टीकाकरण हेतु प्रेरित किया जा रहा है। राज्यों को निर्देश दिया गया है कि टीकाकरण को गति प्रदान करने के लिए 50 से 100 की संख्या में वैक्सीनेशन टीम या टोली बनायी जाये। साथ ही कोविड टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रचार टोली बनाने की भी बात कही गयी है। पत्र में वैक्सीनेशन तथा प्रचार टोलियों को चिह्नित क्षेत्रों में भेज कर समयबद्ध तरीके से आमलोगों का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया है। पत्र में कोविड 19 वैक्सीनेशन में लगी टीमों को प्रेरित करने के लिए अंतर्राज्यीय प्रतियोगिता का आयोजन करने की बात कही गयी है। इसके लिए 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक संख्या में वैक्सीनेशन करने वाले पांच टीमों को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार रैकिंग सिस्टम विकसित कर इसका इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है। वहीं टीम को राज्य, जिला तथा प्रखंड स्तर पर चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देश में कहा गया है कि बाजार और हाट वाले दिनों में कोविड वैक्सीनेशन के प्रति जनजागरूकता लाने का काम किया जाये। साथ ही ऐसी जगह जहां पर बाजार हाट लगते हों, वैसी जगहों पर कोविड वैक्सीनेशन की पूरी व्यवस्था की जाये। वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए समाज के प्रभावी लोगों जैसे धार्मिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर, जनप्रतिनिधि, खेल जगत की हस्तियां, सेना या ऐसी सेवाओं से सेवानिवृत लोग, एनसीसी कैडेट या राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक आदि की मदद लेने की बात कही गयी है। साथ ही इनके माध्यम से ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में विशेषकर उन जगहों पर जहां लोगों द्वारा पहला तथा दूसरा डोज लेने की संख्या कम है, वहां उन्हें संवेदीकरण कार्यों में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं।



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