अब बच्चों व वृद्धों की खुशनुमा होगी दीवाली, इन सस्ते व ईको फ्रेंडली पटाखों से प्रदूषण मुक्त होगा पर्यावरण



बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। क्षेत्र के शिक्षण संस्थान एवं स्वयंसेवी संगठन स्कूली बच्चों को प्रदूषणमुक्त दिवाली मनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। बच्चों और युवाओं के लिए दशहरा दिवाली का मतलब पटाखा ही होता है। वायु और ध्वनि प्रदूषण से कई लोगों की सेहत पर भी असर पड़ता है इसलिए कई लोगों ने तो पटाखे छोड़ना ही बंद कर दिया है, लेकिन इस दिवाली मन मारने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि बिना किसी समस्या के पटाखे भी छोड़े जा सकते हैं और प्रदूषण को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है। जागरूक दुकानदारों के पहल पर बाजारों में सेफ वॉटर रिलीजर और ग्रीन पटाखे आ रहे हैं। जिनसे प्रदूषण भी नहीं होगा और साथ ही यह दाम में भी सस्ते हैं। इन पटाखों की यह खासियत है कि जब इन्हें छोड़ा जाता है तो खतरनाक गैस का उत्सर्जन नहीं होता है। जब यह फूट जाते है तो इनमें से पानी की भाप निकलने लगती है। इनकी ध्वनि तीव्रता भी 110-115 डेसीबल तक ही होती है। इनमें एल्यूमीनियम का बहुत कम उपयोग होता है, इस वजह से यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। पटाखा विक्रेता बताते है कि ग्रीन पटाखे सामान्य पटाखों की तरह ही दिखाई देते हैं। इन पटाखों को जलाने पर आवाज भी सामान्य पटाखों जैसी ही निकलती है। वहीं सामान्य पटाखों से नाइट्रोजन और सल्फर गैस भारी मात्रा में निकलती है, जो वायुमण्डल के लिए बहुत हानिकारक हैं। ग्रीन पटाखों को जलाने पर इन हानिकारक गैसों में 40 से 50 फीसदी तक कमी हो जाती है। सेफ वॉटर रिलीजर पटाखे सामान्य पटाखों के मुकाबले भी सस्ते है। इस वजह से भी इन्हें खरीदना लाभदायक है। वहीं सामान्य पटाखों के मुकाबले ग्रीन पटाखे थोड़े महंगे हैं। इनकी कीमत साधारण पटाखों से ज्यादा है लेकिन पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखें तो यही पटाखे खरीदना सही है।



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