औड़िहार-डोभी रेलखंड पर दोहरीकरण व विद्युतीकरण का सीएसओ ने किया निरीक्षण, स्पीड ट्रॉयल में 15 मिनट में औड़िहार से डोभी पहुंची ट्रेन
सैदपुर। रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री सुविधाओं के उन्नयन एवं परिचालन सुगमता हेतु मूलभूत ढ़ांचे में विस्तार के क्रम में औड़िहार-जौनपुर रेल खण्ड के दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत सोमवार को वाराणसी मंडल पर औड़िहार-डोभी के 22 किमी लम्बे रेलखंड का दोहरीकरण एवं 25000 केवी क्षमता के विद्युतीकरण का संरक्षा परीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त, पूर्वी परिक्षेत्र, लखनऊ मोहम्मद लतीफ खान द्वारा किया गया। रेल संरक्षा आयुक्त सबसे पहले डोभी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया और दोहरीकृत एवं विद्युतीकृत रेल खण्ड के मानक के अनुरूप यार्ड प्लान, न्यूट्रल सेक्शन, पावर सब स्टेशन,स्टेशन वर्किंग रूल, वीडीयू पैनल, पैदल उपरिगामी पुल, प्लेटफार्म क्लियरेंस, पॉइंट क्रासिंग, सिग्नलिंग, बर्थिंग ट्रैक बैलास्ट, ओवर हेड ट्रैक्शन की ऊँचाई, ब्लॉक ओवर लैप, फाउलिंग मार्क, सैंड हम्प, पैनल इन्टरलॉकिंग, फीडर पावर सप्लाई, वितरण प्रणाली तथा नियंत्रण फीडर आइसोलेशन आदि की संरक्षा परखी। डोभी रेलवे स्टेशन पर रेल संरक्षा आयुक्त ने विद्युतीकरण के मुताबिक विकसित विभिन्न कार्यो का निरीक्षण में सभी कार्य मानक के अनुरूप पाया। तदुपरान्त रेल संरक्षा आयुक्त अधिकारियों समेत 10 बजे मोटर ट्राली से डोभी-औड़िहार रेल खण्ड पर दोहरीकरण एवं विद्युतीकृत के निमित्त बनी नई लाइन के संरक्षा परीक्षण हेतु रवाना हुए। इस दौरान रेल संरक्षा आयुक्त ने डोभी यार्ड में कांटा संख्या 208 एवं स्विच एक्स्टेंशन जॉइंट 3 का सूक्ष्म परीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने डोभी- औड़िहार रेल खण्ड कर्वेचर 2 का झुकाव मापा। इस दौरान उन्होंने समपार फटक 12ए का संरक्षा निरीक्षण किया और दोहरीकृत/विद्युतीकृत रेल खण्ड की कार्य प्रणाली के अनुरुप गेट मैन का ज्ञान परखा। इसके पश्चात वो माइनर ब्रिज 10 पर पहुँचे और ब्रिज और उसके आरसीसी बॉक्स का गहन निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने ओवर हेड लाइन क्रासिंग का निरीक्षण किया साथ ही ट्रैक से ऊँचाई मापी। तदुपरांत वो इन्टरमीडिएट ब्लॉक हट दुधौड़ा हाल्ट पहुंचे और गहन निरीक्षण कर दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण के अनुरूप विभिन्न उपकरणों का संस्थापन के मानकों को परखा । इसके बाद उन्होंने सब सेक्शनिंग सब पैररलिंग पोस्ट का निरीक्षण किया। वहां से अंत में आयुक्त औड़िहार रेलवे स्टेशन पहुँचे जहाँ दोहरीकृत/विद्युतीकृत के मानकों के अनुरूप क्रॉसओवर लाइन विद्युत कर्षण लाइन फिटिंग्स, ओवर हेड ट्रैक्शन लाइन की मानक ऊँचाई, समपार फाटकों से उचित दूरी, स्टेशन वर्किंग रुल के अपडेटेशन आदि का व्यापक निरीक्षण किया और संरक्षा के सभी बिन्दुओं को परखा। गौरतलब है कि औड़िहार-जौनपुर रेल दोहरीकरण सह विद्युतीकरण परियोजना वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत हुई थी जिसके प्रथम चरण में औड़िहार-डोभी (22किमी) का दोहरीकरण विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है । द्वितीय चरण में डोभी-मुफ्तीगंज (21किमी.) एवं तीसरे चरण में मुफ्तीगंज-जौनपुर (14.6किमी.) का दोहरीकरण विद्युत लाइनों के साथ किया जाना है। औड़िहार-जौनपुर (57.6किमी.) का दोहरीकरण सह विद्युतीकरण परियोजना पूर्ण हो जाने से इस रेल खण्ड की परिचालनिक क्षमता बढ़ेगी, जिससे इस खण्ड पर मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री गाड़ियों की संख्या भी बढ़ेगी जिससे इस खण्ड में रहने वाले यात्रियों को सुविधा होगी। निरीक्षण के उपरान्त अधिकतम गति से दोहरीकृत विद्युत लाइन पर विद्युत इंजन युक्त स्पेशल ट्रेन से रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा गति परीक्षण सफल रहा। इस दौरान सीआरएस स्पेशल ने 120 किमी प्रति घंटे की उच्चतम गति को छुआ और औड़िहार से डोभी की दूरी मात्र 15 मिनटों में तय की। निरीक्षण के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) रामकरन यादव, मंडल रेल प्रबन्धक वाराणसी रामाश्रय पाण्डेय, मुख्य इंजीनियर पन्ना लाल, मुख्य विद्युत इंजीनियर निर्माण ओपी सिंह, मुख्य सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर निर्माण नीलाभ महेश, मुख्य सिग्नल इंजीनियर एके वर्मा, उप मुख्य इंजीनियर निर्माण गौरव गुप्ता, उप रेल संरक्षा आयुक्त बलबीर यादव, उप रेल संरक्षा आयुक्त वीके शर्मा समेत निर्माण संगठन एवं वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक एनके जोशी, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर 3 अनुज वर्मा, वरिष्ठ मंडल सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर त्रयंबक तिवारी, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/सामान्य एके सिंह, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/कर्षण पंकज केशरवानी आदि रहे।