चुनाव के 5 माह पूर्व भाजपा ने योगी सरकार के माध्यम से साधा जातीय समीकरण, संगीता बलंवत बनीं राज्यमंत्री, कांग्रेस छोड़कर आए जितिन को भी मिला ‘प्रसाद’
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से मात्र 5 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। इसके तहत गाजीपुर से पहली मंत्री बनीं संगीता बलवंत समेत सात मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में डॉ. संगीता बलवंत, जितिन प्रसाद, पलटू राम, धर्मवीर प्रजापति, छत्रपाल गंगवार, संजीव गोंड और दिनेश खटिक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। प्रसाद को कैबिनेट मंत्री जबकि अन्य को राज्य मंत्री पद दिया गया है। कुल मिलाकर एक ब्राह्मण, दो दलित, एक एसटी और तीन ओबीसी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राज्यमंत्री बने केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्हें योगी मंत्रिमंडल में मंत्री पद दिया जाना तय माना जा रहा था। प्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार ऐसे समय किया गया है जब राज्य विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 5 महीने रह गए हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री समेत 23 कैबिनेट मंत्री, नौ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 21 राज्य मंत्री थे। यूपी विधानसभा में सदस्यों की संख्या 403 है, ऐसे में नियमानुसार 60 मंत्री बनाये जा सकते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पूर्व सिर्फ 53 मंत्री थे और सात पद खाली थे जिन्हें आज भरा गया। राज्यमंत्री बनीं संगीता बलवन्त बिंद गाजीपुर जिले की सदर सीट से विधायक हैं। वह पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। पहली बार विधायक चुनी गईं संगीता छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आईं। संगीता युवा नेता हैं और करीब 42 साल की हैं। उनके अलावा जितिन प्रसाद एक समय राहुल गांधी के सबसे करीबी नेता माने जाते थे। अब उन्हें योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। जितिन प्रसाद मूलरूप से शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और शाहजहांपुर लोकसभा सीट से 4 बार सांसद भी रहे। जितेंद्र प्रसाद पार्टी में कई अहम पदों पर रहे। उनका आखिरी चुनाव 1999 का लोकसभा चुनाव था। इसके अगले साल ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत छेड़ दी। जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के लगातार पार्टी अध्यक्ष बनने का विरोध किया। जितेंद्र प्रसाद बतौर कार्यकर्ता पार्टी में सोनिया गांधी से बहुत वरिष्ठ थे। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, मगर हार गए। इसके कुछ महीनों बाद ही जनवरी 2001 में उनका निधन हो गया। योगी सरकार में मंत्री बनाकर भाजपा ने जातीय समीकरण साधा है। जिसमें सवर्ण समाज से जितिन प्रसाद ब्राह्मण, ओबीसी से संगीता बलवंत बिंद मल्लाह, ओबीसी से ही धर्मवीर प्रजापति कुम्हार, दलित वर्ग से पलटूराम व दिनेश खटीक, ओबीसी से गंगवार छत्रपाल कुर्मी व जनजाति वर्ग से संजय गोंड आदिवासी हैं।