खानपुर थानाध्यक्ष ने सार्थक किया अपना नाम, सीएचसी को झोलाछाप अस्पताल बनाने पर तुले चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की डीएम समेत सीएमओ से की शिकायत
बिंदेश्वरी सिंह की खास खबर
खानपुर। कहने को तो शासन ने खानपुर स्थित सरकारी अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दिया हुआ है लेकिन अधिकारियों की आम पहुंच से दूर होने के चलते यहां के निरंकुश चिकित्सक इसे किसी झोलाछाप अस्पताल बनाने पर तुले हुए हैं। सीएचसी की सुविधाओं से युक्त होने के बावजूद यहां पर चिकित्सक व कर्मचारी नहीं मिलते, जिसके चलते यहां के मरीजों को विवश होकर सैदपुर स्थित सीएचसी या किसी निजी अस्पताल का रूख करना पड़ता है। चिकित्सकों व कर्मचारियों के हमेशा गायब रहने के चलते यहां के निवासियों को तो ये तक पता नहीं है कि यहां पर कौन-कौन से चिकित्सकों की तैनाती है। चिकित्सकों की इसी लापरवाही से आजिज आकर खानपुर थानाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह ने बड़ी पहल व साहस दिखाते हुए जिले के डीएम समेत सीएमओ व पुलिस अधीक्षक को लिखित पत्र देकर इस मामले की शिकायत की है। एसओ ने चिकित्सकों की अनदेखी से परेशान होकर बताया कि यहां पर आए दिन यही हाल रहता है। चिकित्सक गायब रहते हैं और मरीज तड़पते रहते हैं। बताया कि अभी 15 अगस्त को दो युवक गंभीर रूप से घायल थे, जिन्हें पुलिसकर्मी लेकर खानपुर सीएचसी आए, लेकिन यहां चिकित्सक नहीं मिले तो उन्हें लेकर सैदपुर जाना पड़ा। गौरतलब है कि खानपुर बाजार स्थित स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की लापरवाही क्षेत्र के तीन दर्जन गांवों के महिला-पुरुष सहित बाल मरीजों पर भारी पड़ रही है। रात तो दूर की बात है, दिन के समय में भी यहां डॉक्टरों का गायब रहना आम बात है। वर्तमान केंद्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने यूपी सरकार में बतौर राज्य मंत्री, खानपुर में करोड़ों रुपये की लागत से इस सीएचसी का निर्माण कराया था। लेकिन खानपुर क्षेत्र वाराणसी व गाजीपुर मार्ग पर न होने से अधिकारियों से आम पहुंच से दूर है, जिसका भरपूर फायदा सालों से चिकित्सक समेत कर्मचारी उठा रहे हैं और वो हमेशा ड्यूटी से नदारद रहते हैं। अगर कभी किसी अधिकारी का यहां पर दौरा हो भी गया तो विभागीय मिलीभगत से उन्हें पूर्व में ही सूचना मिल जाती है और वो केंद्र पर ऐसी निष्ठा के साथ उपस्थित हो जाते हैं, जैसे हर एक मरीज का उपचार उनके द्वारा ही किया जाता हो। चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के लगातार गायब रहने और दवा आदि की उपलब्धता न रहने से आम नागरिकों सहित पुलिसकर्मी भी परेशान रहते हैं। इस अस्पताल के दुर्दशा की शिकायत ग्राम प्रधान सहित क्षेत्रीय लोगों ने कई बार संबंधित अधिकारियों सहित अस्पताल को गोद लेने वाले भाजपा नेता रामतेज पांडेय से भी की थी लेकिन उन्होंने भी इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी। जबकि भाजपा यूपी व योगी सरकार ने इसी उद्देश्य से क्षेत्रीय नेताओं से अस्पतालों को गोद लेने की अपील की थी, ताकि वहां पर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध हों और अगर न हों तो उक्त नेताओं द्वारा उन्हें दुरूस्त कराया जाए। लाखों रूपए वेतन लेने वाले चिकित्सकों की अनुपलब्धता के चलते अब तक कईयों को समय से उपचार न मिलने के चलते जान जा चुकी है लेकिन इस दिशा में किसी का ध्यान नहीं जाता। सरकार का दावा भी हवा हवाई ही होता दिख रहा है। लेकिन इस समस्या को गंभीर समझते हुए खानपुर के थानाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह ने अपने नाम को सार्थक किया और सरकारी नौकरी में रहते हुए भी बहादुरी दिखाई और अस्पताल को पिछड़ा बनाने वाले चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की लिखित शिकायत डीएम व सीएमओ समेत एसपी से की है। कहा कि अक्सर मारपीट में घायल लोगों को लेकर जब पुलिसकर्मी इलाज के लिए हॉस्पिटल जाते है तो वहां डॉक्टर और नर्स नदारद रहते है। कई बार गंभीर रूप से घायल या दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को लेकर पुलिसकर्मी घण्टों हलकान होते रहते है।