सुंदरीकरण के लिए बनाया गया लाखों की लागत से फव्वारा, लेकिन इस खूबसूरत जंक्शन के लिए बना कोढ़





औड़िहार। सावधान! यदि आप यात्रा करने के उद्देश्य से क्षेत्र के प्रमुख रेलवे जंक्शन स्टेशन औड़िहार जा रहें हैं तो स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर ही गंदे पानी तथा कूड़े-कचरे से भरे दो अर्धनिर्मित फव्वारे आपका स्वागत करेंगे। जहां गंदगी और बदबू से आपका सामना होगा। क्षेत्र स्थित औड़िहार स्टेशन के मुख्य द्वार तथा टिकट हाल का विस्तार करके कुछ दिनों पूर्व ही नये भवन का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा वहां बाहरी हिस्से को सुंदर बनाने के लिए आकर्षक चहारदीवारी का निर्माण भी कराया गया। इसके अलावा लाखों की लागत से दो गोल टाईल्स युक्त स्टील रेंलिंग से सुसज्जित पानी फव्वारे का निर्माण भी कराया गया। लेकिन आलम ये है कि आज तक फव्वारा चालू नहीं किया गया। फव्वारे में वाटर पाईप लाईन भी लगा है, लेकिन उसमें आने वाला पानी बह कर बर्बाद हो जाता है। निकासी न होने से बरसात का पानी तथा कूड़ा-कचरा भी वहां जमा हो गया है। जिसके चलते पानी सड़ने से अब भयानक दुर्गंध निकलती है। जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। फव्वारे के बगल में छांवदार पीपल के चबूतरे पर यात्री ट्रेनों के का इंतजार करते हुए वहां विश्राम आदि करते हैं। लेकिन फव्वारे से निकलने वाली दुर्गंध से परेशान हो जाते हैं। कमोबेश यही हाल परिसर के चहारदीवारी का भी है। यहां चारो तरफ उग चुकी बेहद ऊंची घास स्टेशन की शोभा बिगाड़ रही है। साफ सफाई के नाम पर बस झाड़ू मारकर रेल कर्मचारी अपना कोटा पूरा कर लेते है। वहीं टूटे पाईपों से बहते बर्बाद होते पानी के लिए सम्बन्धित अधिकारी सुध भी नहीं लेते हैं।



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