जयंती पर श्रद्धापूर्वक याद किए गए आदि शंकराचार्य, सनातनियों ने की संस्कृति के प्रसार की अपील



खानपुर। क्षेत्र के फरिदहां स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के मुक्ति कुटीर में सोमवार को आदि शंकराचार्य की जयंती मनाई गई। इस दौरान सनातनी श्रद्धालुओं ने आदि शंकराचार्य के चित्र पर पुष्प अर्पित करके याद किया। रामभद्र पाठक ने कहा कि अद्वैत वेदांत के प्रणेता, महान आध्यात्मिक गुरु व चार मठों की स्थापना कर सनातन संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने वाले आदि गुरु शंकराचार्य की पावन जयंती पर उनके दिखाए मार्ग पर हमें चलने की जरूरत है। कहा कि उनके दिए ज्ञान से आज पूरे विश्व कल्याण हो रहा है। कहा कि सनातन ही हर धर्म का मूल है। लेकिन आज सनातन परंपराओं में हमारी ही कमियों की वजह से क्षरण हो रहा है। ऐसे में हमें सनातन संस्कृति और सभ्यता को हर प्रसारित कर नवयुवकों में उनके मूल सनातन संस्कार को जागृत करना है। कहा कि सनातन संस्कृति से कई धर्मों का प्रादुर्भाव होने के बावजूद आज भी सनातन परम्पराएं, हमारे रीति रिवाज, ज्योतिष पंचांग, ग्रह नक्षत्र, खगोल दर्शन आदि का वर्णन बेहद सटीक व शुद्ध होता है। इन बातों को वैज्ञानित भी स्वीकार कर चुके हैं। इस मौके पर अवनीश पाठक, सन्दीप पाठक, प्रदीप पाठक, अभिषेक, अभिजीत सिंह, अतुल, मनीष सिंह, अंकित, शिवम, सूरज, कुलदीप मिश्रा आदि रहे।