मतदाताओं को कोरोना के खतरे में डाल सिर्फ वोट लेने में जुटे रहे प्रत्याशी, बिना सेनेटाइज कराए लगवाते रहे मतपत्र पर मुहर
सैदपुर। लंबे समय से हो रहा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शोर गुरूवार की शाम को 5 बजते ही 5 सालों के लिए अब थम गया। इसके साथ ही चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों के भाग्य मतपेटिका में बंद हो गए। मतदान के दौरान केंद्रों पर कोरोना के खौफ का कतई पता नहीं चला। ऐसा लग रहा था कि किसी को कोरोना संक्रमण की जानकारी है ही नहीं। लोग एक दूसरे पर लदे हुए लाइन में लगे थे। किसी तरह की कोरोना को लेकर न तो प्रशासन की तरफ से व्यवस्था की गई और न ही प्रत्याशियों की तरफ से। हालांकि भद्रसेन स्थित एक बूथ पर एक एजेंट सेनेटाइजर लेकर खड़ा था और अंदर जा रहे मतदाताओं के हाथ को सेनेटाइज करा रहा था। मतदाताओं की सुरक्षा का ऐसा दृश्य दर्जनों केंद्र जाने के बावजूद और किसी भी केंद्र पर देखने को नहीं मिला। प्रत्याशी सिर्फ और सिर्फ मतदान करने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन खुद को सुरक्षित रखने के बाबत कुछ भी नहीं कह रहे थे। ऐसा लग रहा था कि उन्हें मतदाता की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है। बस उनसे वोट लेना है। मतदान केंद्रों के अंदर भी रखे हुए मुहर को भी सेनेटाइज की कोई व्यवस्था नहीं थी। जिसके चलते हर मतदाता एक ही मुहर को अपने हाथों से उठाकर बैलेट पेपर पर मारने को विवश था। मुहर मारने के बाद भी वहां हाथों को सेनेटाइज करने की व्यवस्था नहीं थी। मिर्जापुर स्थित बूथ पर पूछने पर पीठासीन अधिकारी ने बताया कि हमें यहां सेनेटाइजर की व्यवस्था नहीं मिली है तो क्या करें। हालांकि उन्होंने अपने लिए निजी तौर पर सेनेटाइजर जरूर रखा था। कमोबेश यही हाल, हर बूथ पर देखने को मिला। पुलिसकर्मी भी गाइडलाइन का पालन कराने में असमर्थ दिखे।