खत्म हुआ सस्पेंस, कोरोना से मृत प्रधान प्रत्याशी का पर्चा खारिज, प्रतीक चिह्न लेने आए प्रस्तावक वापस लौटे, जा सकते हैं कोर्ट
खानपुर। क्षेत्र के रामपुर गांव में प्रधान पद के प्रत्याशी राजकुमार सिंह उर्फ गुड्डू की बीते 18 अप्रैल को कोरोना से मौत के बाद अब उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया जाएगा। इस बाबत प्रभारी आरओ व डीपीओ दिलीप पांडेय ने बताया कि किसी भी प्रत्याशी की अगर चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने के पूर्व मौत हो जाती है तो उसका नामांकन स्वतः ही रद माना जाएगा। ऐसे में उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर उनकी मौत चुनाव चिह्न आवंटित होने के बाद हुई होती तो इसके बारे में कोई चर्चा होती। प्रत्याशी के प्रस्तावक के वहां चुनाव चिह्न लेने जाने के सवाल पर कहा कि उनके पास प्रस्तावक नहीं आया। गौरतलब है कि बीते शनिवार को राजकुमार सिंह ने रामपुर गांव से प्रधान पद के लिए नामांकन किया था। जिसके अगले ही दिन उनकी कोरोना से मौत हो गई थी। नामांकन के बाद उनके निधन के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि गांव का चुनाव निरस्त किया जा सकता है। लेकिन अब उनके प्रस्तावक को चुनाव चिह्न ही न देने व उनका पर्चा खारिज कर दिए जाने के बाद अब स्थितियां बदल गई हैं। इस बाबत मृतक प्रत्याशी राजकुमार सिंह के प्रस्तावक यशवंत सिंह ने बताया कि वो आज चुनाव चिह्न लेने के लिए ब्लॉक पर पहुंचकर एसडीएम से मिले थे लेकिन उन्हें सिर्फ गोलमोल जवाब दिया गया और चिह्न नहीं दिया गया। कहा गया कि पर्चा खारिज है लेकिन कारण पूछने पर कुछ स्पष्ट नहीं बताया गया। जिसके बाद वो वापस चले आए। बताया कि उन्होंने कहा कि उनका पर्चा निरस्त करने के बाबत लिखकर दिया जाए लेकिन चुनाव चिह्न ने देने की सिर्फ मौखिक सूचना देकर हमें वापस भेज दिया गया। बताया कि हमसे प्रत्याशी के मरने के बाबत लिखकर मांगा गया था कि ताकि उनका पर्चा खारिज कर दिया जाए। लेकिन मेरे द्वारा न देने पर गांव में पहुंचकर सचिव ने कई लोगों से उनके मरने के बाबत हस्ताक्षर करा लिया और उसी के आधार पर आज हमें प्रतीक चिह्न नहीं दिया गया। बताया कि कोरोना से एक प्रत्याशी की मौत हो चुकी है और एक प्रत्याशी संक्रमित है। इसके अलावा मतदान स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर करीब 10 लोग संक्रमित हैं। ऐसे में चुनाव की स्थिति नहीं बन रही है। कहा कि राजकुमार जीतते हुए प्रत्याशी थे। आयोग से मांग किया उनकी पत्नी स्नेहलता को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। यशवंत सिंह ने कहा कि राजकुमार सिंह का पर्चा खारिज किए जाने के बाद हम न्यायालय की शरण लेने का विचार बना रहे हैं। इस बारे में विधिक सलाह ली जा रही है। गौरतलब है कि अगर राजकुमार सिंह के चलते चुनाव टलता है तो फिर उस गांव में पड़ने वाले जिला पंचायत चुनाव पर भी असर पड़ेगा।