अपनी मांगों को लेकर धरने पर रहे देशभर के बैंककर्मी, पहले दिन के हड़ताल से जिले में 450 करोड़ का लेनदेन हुआ ठप
गाजीपुर। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तत्वावधान में अपनी मांगों को लेकर बैंककर्मियों द्वारा आहूत दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन ही लोगों को काफी परेशानी हुई। जानकारी के अभाव में बैंक पहुंचे लोग बैरंग वापस आए। लोग रूपए की निकासी के लिए एटीएम पहुंचे लेकिन वहां भी पहले ही एटीएम ने साथ छोड़ दिया था तो लोग सहज केंद्रों पर जाकर रूपए निकालते दिखे। हड़ताल के दौरान गाजीपुर में सभी बैंककर्मी अपनी शाखाओं में तालाबंदी करके महुआबाग स्थित यूनियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने पहुंचे और वहां हड़ताल करते हुए नारेबाजी की। अपने मांगों को बताते हुए यूनियन के संयोजक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को बैंक में लागू कर रही है। इसके अलावा बैंकों व सरकारी बैंकों का निजीकरण, बैंकों में काम करने के समय को बढ़ाने व ग्राहक सेवा केंद्रों का अद्यतन न करने जैसी नीति लागू कर रही है। कहा कि इन सभी कार्यों को करके सरकार अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करना चाह रही है। एमपी सिंह ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को बैंकिंग सेक्टर में कर्मचारियों की नियुक्तियां बढ़ानी चाहिए। कहा कि सरकार चाहती है कि पूरे देश के बैंकिंग उद्योग को निजी हाथों में सौंपकर अर्थव्यवस्था खत्म कर दे। इस दौरान सभी ने सरकार के रवैये को दमनात्मक बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। कहा कि निजीकरण सिर्फ बैंककर्मियों के लिए ही नहीं, बल्कि ग्राहकों के लिए भी अभिशाप है। जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं, उनका शत प्रतिशत क्रियान्वयन सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंक ही करता है। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर को पूंजीवादियों के हाथों में सौंपना अभिशाप है। बताया कि दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन जिले भर के बैंकों में करीब 450 करोड़ रूपए का लेनदेन प्रभावित हुआ है। बताया कि इस हड़ताल के चलते जिले भर के 350 बैंक शाखाओं व 550 एटीएम केंद्रों पर ताले बंद रहे। बताया मंगलवार को भी ये क्रम जारी रहेगा। इस मौके पर क्षेत्रीय सचिव सत्यम कुमार, टीएन सिंह, संतोष कुमार, सुनील उपाध्याय, ओमप्रकाश सिंह, कमलेश सिंह, मुन्ना रावत, ब्रह्मदेव सिंह यादव, पंकज चौबे, स्वामीनाथ गुप्ता आदि रहे। आभार सत्यदेव राम ने ज्ञापित किया।