विधायक द्वारा प्रस्तावित रामलीला मंच निर्माण के 4 माह में हुआ धराशायी, मलबे में दबने से मजदूर गंभीर





भीमापार। पूरे क्षेत्र में विजया दशमी के मेले के लिए प्रसिद्ध अमुआरा गांव में कुछ दिनों पूर्व रामलीला मैदान पर पूर्वांचल विकास निधि व विधायक के प्रस्ताव से बना पक्का मंच आखिरकार भ्रष्टाचार के खेल का शिकार होकर धराशायी हो गया। जिसमें एक मजदूर संदीप कुमार 25 पुत्र शिवबचन निवासी होलीपुर भी गंभीर रूप से घायल हो गया। इधर घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। अमुआरा गांव में प्रसिद्ध रामलीला होती है। जिसके चलते वहां पर रामलीला मंच निर्माण की मांग को देखते हुए विधायक सुभाष पासी ने मंच के निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद पूर्वांचल विकास निधि से 8 लाख रूपए की निधि स्वीकृत जारी हुई थी। जिसके बाद होलीपुर निवासी ठेकेदार गोपाल गिरि ने बीते अक्टूबर माह में मंच का निर्माण पूरा कराया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा जमकर धांधली की गई और जहां 85 बोरा सीमेंट व लाल बालू का प्रयोग किया जाना था, वहां गुणवत्ता से कोसों दूर रखते हुए ठेकेदार ने महज 30 बोरी सीमेंट व जमकर सफेद बालू का प्रयोग करते हुए 24ः36 के मानक से मसाला बनाकर निर्माण को पूरा कराया। इस बात का ग्रामीणों ने विरोध भी किया लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ। खराब गुणवत्ता के चलते निर्माण के कुछ ही समय बाद मंच का छत व पिलर बीच से टूटकर लटक गया और दुर्घटना को दावत देने लगा। वहां पर गांव के बच्चों के खेलने के चलते ग्रामीणों ने इस बात का विरोध किया तो ठेकेदार गोपाल गिरि उक्त निर्माण को तोड़ने के लिए शनिवार को वहां पर मजदूर लेकर पहुंचा और उसे तोड़वाना शुरू किया। इस बीच पिलर समेत छत मजदूर संदीप व होलीपुर निवासी कल्लू पर गिरी। जिसमें कल्लू तो बाल-बाल बच गया लेकिन संदीप नहीं बच सका और उसका पैर गंभीर रूप से फै्रक्चर हो गया। घटना के बाद ठेकेदार मजदूरों को छोड़कर फरार हो गया। इधर मंच गिरने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। सभी घटनास्थल की तरफ भागे और घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद मौके पर जुटे ग्रामीण सुरेश यादव सत्या, मुलायम यादव, सुभाष यादव, निठुरी यादव, शिब्बू यादव, जयप्रकाश, बाल किशुन, गोलू, बनारसी, लौटन, जीयुत, अरूण आदि ठेकेदार समेत विधायक को खूब को रहे थे। उनका कहना था कि इस तरह के मानक विहीन मंच का वो शुरू से विरोध कर रहे थे लेकिन कुछ नहीं हुआ। बताया कि रोजाना वहां पर गांव के बच्चे खेलते थे और अगर उस समय गिर जाता तो किसी की जान भी जा सकती थी। इस बाबत विधायक सुभाष पासी को फोन करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया लेकिन विधायक प्रतिनिधि आशु दुबे ने फोन कर बताया कि उक्त मामले में विधायक द्वारा प्रस्ताव दिया गया था। जिसमें टेंडर निकलने पर गाजीपुर के अशोक यादव द्वारा स्वतः ही टेंडर लिया गया और फिर होलीपुर के गोपाल गिरि को काम सौंप दिया गया। पूरे मामले में ठेकेदार की गलती है और जांच कराकर मुकदमा दर्ज होने की भी उन्होंने मांग की।



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