कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों का करें उत्साहवर्धन, मदद को आगे आने वालों को बोलें ‘थैंक यू’ - एसीएमओ
ग़ाज़ीपुर। कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में लॉक डाउन के बीच हर किसी को तमाम ऊहापोह की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है। इन्हीं विषम परिस्थितियों के बीच लोगों के धैर्य और संयम की परीक्षा हो रही है। एसीएमओ डॉ प्रगति कुमार ने बताया कि इस बारे में सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बराबर हिदायतें भी दी जा रही हैं कि इस मुश्किल वक्त में मदद को हाथ बढ़ाने वालों को निशाना न बनाकर उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करें। ऐसे लोगों को निशाना बनाने से हमारी लड़ाई कमजोर पड़ जाएगी। किसी तरह की अफवाह न फैलाएं बल्कि खुद सुरक्षित रहें और आस-पास सभी को सुरक्षित रखें। कोरोना पर विजय पाने वालों के प्रति किसी भी तरह का भेदभाव व बहिष्कार न करें क्योंकि इससे कोई भी संक्रमित हो सकता है। हालांकि अधिकतर लोग इससे ठीक हो जाते हैं, ऐसे में रोगी और परिवार को हमारे सहयोग की जरूरत है न कि भेदभाव की। एसीएमओ डॉ केके वर्मा ने बताया कि आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों की सराहना और सहयोग करें। इसके अलावा अफवाहों के पंख न बनें और सरकारी व प्रमाणित स्त्रोतों, स्वास्थ्य मंत्रालय या डब्ल्यूएचओ की प्रामाणिक जानकारी ही साझा करें। किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले विश्वसनीय स्त्रोतों से प्रमाणित कर लें। इसके अलावा कोरोना वायरस को मात देने वालों की सकारात्मक कहानियां भी साझा करें। इसके अलावा कोरोना के ठीक हो चुके मरीजां संग भेदभाव को रोकने के लिए इन कामों को कतई न करें - - संक्रमित व क्वेरेंटाइन में रहने वालों के नाम/पहचान को सोशल मीडिया पर साझा न करें। - दहशत फैलाने से बचें, किसी समुदाय या क्षेत्र को कोविड के प्रसार का कारण न बताएं। - हेल्थ केयर, सफाईकर्मी या पुलिस को निशाना न बनाएं, वह आपकी मदद के लिए ही हैं। - मरीज को कोविड पीड़ित कहने के बजाय कोरोना के विजेता के रूप में संबोधित करें।