....और जब बंधनों को तोड़ ससुर के शव को कंधा देने सड़क पर उतर गई हीरावती व सीमा



विन्ध्येश्वरी सिंह की खास खबर



खानपुर। समाज में व्याप्त कुरीतियां तब तक दूर नहीं हो सकतीं जब तक कोई उन्हें दूर करने के लिए आगे न आए या लोगों के सामने कोई कठिन परिस्थितियां न आए। ऐसी ही एक कुरीति को दूर करने का प्रयास करते हुए शुक्रवार को खानपुर के सिधौना में बहुओं ने अपने ससुर के शव को कंधा दिया। बहुओं के इस कदम की पूरे क्षेत्र में खूब सराहना हुई। शुक्रवार की दोपहर सिधौना की बारी बस्ती निवासिनी प्रभावती देवी 80 पत्नी दूधनाथ गुप्ता ने लंबी बीमारी के बाद दम तोड़ दिया। जिसके बाद पास पड़ोस के सभी पुरुष मृतका के शव को लेकर दाह संस्कार करने के लिए वाराणी के कैथी स्थित गंगा घाट चले गए। इसके कुछ ही देर बाद पड़ोस में रहने वाले रिक्शा चालक त्रिवेणी राम 60 की भी मौत हो गई। कड़ी धूप में शव को घर के बाहर रख घर की बहुएं त्रिवेणी को श्मशान ले जाने के लिए पुरूषों का इंतजार करने लगीं। इसके बाद पुरुषों के आने में देर होता देख घर की बहुएं हीरावती व सीमा ने साहसिक कदम उठाया और अपने ससुर त्रिवेणी के शव को खुद ही अपने कंधे पर ले जाकर दाह संस्कार करने का फैसला किया और खुद ही शव को तैयार कर अपने कंधे पर लेकर निकल पड़ीं। बहुओं को शव ले जाता देख उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद युवाओं ने भी आगे बढ़कर महिलाओं का साथ दिया और उन्होंने भी कंधा दिया। बड़ी बहू हीरावती ने कहा कि मैंने अपने जन्मदाता पिता का घर छोड़कर अब जिसे पिता मानकर जीवनभर सेवा की है उसे अंतिम समय मे कैसे अकेला छोड़ दें, उन्होंने आज तक हमारा भार उठाया तो अब उनका अंतिम संस्कार करना हमारा दायित्व है। इसके बाद महिलाएं श्मशान तक साथ गईं और दाह संस्कार भी कराया।



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