सैदपुर : नगर के प्रतिष्ठित कपड़ा व्यवसायी की नृशंस हत्या के आरोप में रामबाबू सोनकर को उम्रकैद व अन्य धाराओं में 20 साल की जेल, 45 हजार का जुर्माना





सैदपुर। जिले के अपर जिला व सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत ने सैदपुर में 2019 में हुई एक व्यापारी की हत्या के 6 साल पुराने बहुप्रतीक्षित मामले मामले में फैसला सुनाते हुए हत्या के आरोपी व शातिर अपराधी रामबाबू सोनकर को हत्या की धारा में उम्रकैद व अन्य धाराओं में कुल 20 साल की जेल और कुल 45 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की आधी धनराशि मृतक के परिजनों को देने का आदेश दिया है। 2019 में यूनियन बैंक की छत पर रहने वाले साड़ी व्यवसायी सुशील गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। हत्या के पूर्व उनके घर में रेकी की गई थी। शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव के अनुसार, सैदपुर निवासी बदमाश रामबाबू सोनकर की मां सुशील के घर में काम करती थी। जिसके चलते उसका उस घर में आना जाना था। इस बीच हत्या वाली रात सभी लोग खाना खाकर सो रहे थे। उसी समय अंदर घुसे बदमाशों ने घर में रखे जेवर व नकदी को लूट लिया और जब वो जाने लगे तो सुशील की नींद खुल गई और वो भाग रहे बदमाशों से सुशील भिड़ गए। जिसके बाद बदमाशों ने सुशील के सीने में गोली मार दी और फरार हो गए। घटना में सुशील की मौत हो गई। इस मामले में मृतक की पत्नी रेशमा गुप्ता की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में सुनवाई की गई। जिसमें अपर जिला व सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत में 13 गवाह प्रस्तुत किए गए। उनकी गवाही व दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद आखिरकार न्यायाधीश ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए हत्यारोपी रामबाबू सोनकर को हत्यारा करार दिया और हत्या के आरोप में जहां उम्रकैद की सजा व 20 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं धारा 394 में 10 साल की कठिन कैद व 10 हजार जुर्माना, धारा 452 में 5 साल की कैद व 5 हजार जुर्माना और धारा 411 में 2 साल की कैद व 5 हजार रूपए जुर्माना व आर्म्स एक्ट में 3 साल की कैद व 5 हजार रूपए अदा करने की सजा सुनाई। कैद के सभी मामलों में जुर्माना न चुका पाने पर अतिरिक्त 5 माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। हत्यारे रामबाबू को न्यायाधीश द्वारा हत्या के मामले में उम्रकैद व अन्य धाराओं में कुल साल जेल में रहने की सजा सुनाई है। इस निर्णय के आने के बाद सैदपुर के उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रहलाद दास जायसवाल सहित व्यापारियों ने फैसला का स्वागत किया है। कहा कि परिजनों की लड़ाई लंबी रही लेकिन फैसला सराहनीय आया है। सभ्य समाज में ऐसे अपराधियों की जगह नहीं हो सकती है।



अन्य समाचार
फेसबुक पेज
<< गाजीपुर : अहिल्याबाई होल्कर ने सनातन संस्कृति को किया मजबूत, मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षतिग्रस्त मंदिरों का कराया पुनर्निर्माण - अशोक चौरसिया
सैदपुर : औड़िहार के न्यू लीलावती अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट के चलते फिर से बची मृतप्रायः वयोवृद्धा की जान, परिजनों ने जताया आभार >>