गाजीपुर : छत्तीसगढ़ के डीआईजी डॉ. संतोष को साहित्य चेतना समाज ने किया सम्मानित, पत्रकार अशोक कुशवाहा के पुत्र हैं डॉ. संतोष



गाजीपुर। छत्तीसगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक व देवकली के मूल निवासी डॉ. संतोष सिंह का जिला मुख्यालय पर साहित्य चेतना समाज द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी अमर के स्वामी विवेकानन्द कॉलोनी स्थित आवास पर उनका स्वागत व अभिनंदन किया गया। देवकली निवासी वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुशवाहा के बड़े पुत्र डॉ. संतोष सिंह छत्तीसगढ़ पुलिस में डीआईजी बनने के बाद पहली बार जिले में आए। जिसके बाद उनका माल्यार्पण कर व स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया गया। जिस पर उन्होंने संस्था का आभार जताया। संस्थापक ने डॉ. संतोष सिंह को सम्मानित करते हुए बताया कि डॉ. संतोष अपने छात्र जीवन में साहित्य चेतना समाज द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में कई बार चयनित और पुरस्कृत हुए हैं। लेकिन आज उन्हें एक आईपीएस के रूप में सम्मानित करके संस्था भी गौरवान्वित महसूस कर रही है। 2011 बैच के आईपीएस डॉ.संतोष छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, राजनंदगांव, कोरबा, रायगढ़, नारायणपुर व कोंडागांव आदि जिलों में एसपी व एसएसपी के रूप में तैनात रह चुके हैं। जनवरी 2025 में उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) पद पर उनकी पदोन्नति हुई। संस्थापक ने कहा कि कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों व सम्मानों से सम्मानित हो चुके डॉ. संतोष सिंह जैसे अपने पूर्व प्रतिभागियों पर संस्था को गर्व है। कहा कि वो गाजीपुर की शान हैं। कहा कि संस्था के सैकड़ों पूर्व प्रतिभागी प्रशासन, साहित्य, राजनीति, तकनीक, चिकित्सा, सेना आदि विविध क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनसे जुड़कर संस्था को गौरवबोध होता है। वहीं अपनी प्राथमिक शैक्षणिक संस्था द्वारा युवावस्था में सम्मानित होकर अभिभूत डॉ. संतोष सिंह ने कहा कि जीवन में सम्मान तो मिलता रहता है, लेकिन अपने घर में, अपनों के बीच और खासतौर पर उनके द्वारा सम्मान मिलना, जिनसे बचपन में शिक्षा मिली हो, ये सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण है। संस्था के उद्देश्य एवं गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि विद्यार्थियों एवं युवाओं की प्रतिभा व क्षमता को मुखरित व उजागर कर उन्हें मंच देने का कार्य अत्यंत प्रशंसनीय है। बिना किसी शासकीय व वित्तीय सहायता के बीते चार दशकों से किये जा रहे इस प्रयास की जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। डॉ. संतोष सिंह के पिता व वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुशवाहा ने बताया कि डॉ. संतोष बचपन से ही मेधावी, परिश्रमी और लक्ष्य प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्पित रहे। विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानकर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ते रहे। इस दौरान डॉ. संतोष के मित्र व सहपाठी रहे डीएवी इण्टर कॉलेज के शिक्षक प्रांशु उपाध्याय ने उनके विद्यार्थी जीवन के कई रोचक संस्मरण सुनाये। वहीं नागेश मिश्र ने गज़ल और आशुतोष श्रीवास्तव ने अपनी व्यंग्य रचना प्रस्तुत की। इस मौके पर उपाध्यक्ष संजीव गुप्त, सचिव प्रभाकर त्रिपाठी, विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष विनोद उपाध्याय, पूर्व प्रधानाचार्य द्वय डॉ. पारसनाथ सिंह, डॉ. दिनेश सिंह, गोपाल श्रीवास्तव, विशेष लोक अभियोजक प्रभुनारायण सिंह, रविकान्त पाण्डेय, दीनानाथ चतुर्वेदी, आलोक राय, एचएन यादव, राघवेन्द्र ओझा, आशुतोष श्रीवास्तव, मनीष पाण्डेय आदि रहे।